उसने नजरें क्या मिलाई मुझसे
मेरी नजरें भी छुरी - कटार हो गई,
बस एक नजर देखा मुहब्बत से उसने
हमें भी मुहब्बत बेसुमार हो गई।बहुत नफरत थी मुझे काजल से
उसने जो जो जिक्र की थोड़ा सवरने की,
बहुत मनाया खुद को मगर
मैं खुद ही उनके लिए श्रृंगार हो गई।इंतजार करना अच्छा नहीं लगता था मुझे
उसने बस दो मिनट में आया क्या कहा,
मैं तो खुद ही उनके लिए इंतज़ार हो गई।रूठने के अलावा मनाना शब्द भी नहीं पता था मुझे
उसने नाराजगी क्या जताई,
अब मैं खुद ही मनाने के हुनरदार हो गई।बचपन में सभी पागल - नासमझ कहा करते थे
उसने बदमाशी मत करो क्या कह दिया,
हम तो खुद ही समझदार हो गई।खबरों को कभी न देखती थी
उसने पत्र जो लिखना शुरू किया,
मैं खुद ही चंचल अख़बार हो गई।सबों से दूर रहती थी मैं
उसने चुपके से प्रिय क्या कहा,
मैं खुद ही उनके बाँहों के हार हो गई।ज्यादा आवाजें नापसन्द थी मुझे
उसने घूमने की लत क्या लगाई,
मैं खुद ही सड़क के किनार हो गई।बहुत मासूम थी मैं पहले
उसने हक़ की लड़ाई क्या सिखाया,
मैं खुद ही तलवार हो गई।By:- Juhi kumari mishra