जिंदगी यू गुजर गई अपने भी आए बस स्मशान तक,
सभी ने यहा साथ निभाया बस एक खास वक़्त तक।अपने थे उनके आँखों में आंसु रहे बस कुछ दिनों तक,
रिश्ते रह गए आग से राख और हड्डियों उस के ढेर तक।सब पाने की कोशिश में कुछ भी नहीं मिला आखिर तक,
बस रह गया है सिर्फ तू एक दीवार पर की उस तस्वीर तक।जिंदगी को मजा तूने लिया ही नहीं एक खास वक़्त तक,
जब समजा तूने देर कर दिए जिंदगी में तूने उस वक़्त तक।