11 college ki love story

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अगली सुबह आगाज लेट में उठता है क्योंकि आज छुट्टी थी वह उठकर बेड में पड़ा हुआ था तभी टॉयलेट से मानिक बाहर निकलकर आता है वह अनजाने में आज शर्ट लेजाना भूल गया था और बिना शर्ट के ही बाहर निकलता है आगाज उसे मुड़कर देखता है । वह देखता है कि मानिक ने उसके पापा की बनाई हुई लॉकेट पहन रखी है मानिक कपड़े पहनता है और पार्थ के रूम जाने के लिए निकल जाता है । आगाज को लगता है वह दूसरा लॉकेट होगा उसका मन बार-बार कह रहा था कि वह वही लॉकेट है।

तब वह सोचता है यह पता करने के लिए कि क्यों ना एक प्लान बनाया जाए । वह रात को पिज़्ज़ा ऑर्डर करता है जब पिज़्ज़ा आ जाता है तब वह मानिक को उसके साथ खाने के लिए बुलाता है।मानिक पहले तो मना करता है लेकिन उसके बार-बार कहने पर उसके साथ खाने के लिए तैयार हो जाता है ।आगाज कहता है कि मैं तुमसे कुछ कहूं ? मानिक कहता है कहो ना। आगाज - मैंने सोचा है कि मैं तुम्हें तुम्हारी गलती के लिए माफ कर दूं और मैं तुम्हें माफ करता हूं ।मानिक उसे थैंक्यू कहता है।

आगाज पूछता है तुम अपने बारे में कुछ बताओ । मानिक कहता है मै अतरौली से हूं मैं अपनी मां के साथ वहां रहता हूं । मैं और मेरी मां ही मेरे परिवार में हैं मेरे पापा का कई साल पहले ही देहांत चुका है ।भाई आप भी अपने बारे में कुछ बताओ ना हम दोनों एक साथ रहते हैं , कई महीने साथ बीता लिए लेकिन हम एक दूसरे के बारे में कुछ नहीं जानते। तब वह बताता है कि मैं औरंगाबाद का हूं मैंने बचपन की पढ़ाई वहीं से पूरी की और बाद में पटना चला गया जहां मैं हॉस्टल में रहता था तुम तो जानते ही होंगे मेरे पापा को जो विधायक हैं। आपके पापा लेकिन आपने बताया था कि उनकी तो मृत्यु हो चुकी हैं। तब आगाज कहता हैं मेरे पापा की मृत्यु की बाद मैंने अपने चाचा को ही पापा कहना शुरू कर दिया था इसलिए मुझे अब भी उन्हें पापा ही कहना पड़ता है।

आगाज- मैंने आज तुम्हारा लॉकेट देखा बहुत सुंदर है मानिक वह लॉकेट शर्ट के अंदर से निकालकर उसे दिखाता है आगाज लॉकेट को हाथ में लेकर छू कर देखता है। मानिक कहता है यह लॉकेट की लंबी कहानी है यह लॉकेट मेरा नहीं है मैं इस लॉकेट के मालिक का आज भी इंतजार कर रहा हूं भाई यह लोकेट मुझे तब मिला था जब मैं शहर में रहता था तब मैं छोटा था यह लॉकेट उस लड़के का है जिसे मैंने गिरने पर उठाया था उसे कुत्ता दौड़ा रहा था जिसके कारण वह कीचड़ में गिर गया था । उसके चेहरे पर कीचड़ लगा था इसलिए मैंने उसे नहीं पहचाना अगर मैं उसे पहचान लेता तो मैं उसे उसी समय देता ।मैं आज भी उसे यह लौटाने के लिए इंतजार कर रहा हूं । मुझे जब यह लॉकेट मिला था तब मेरे पापा ने मुझे पहनकर रहने के लिए कहा था जिस कारण मैं इसे अब भी नहीं निकाल पाता । मैं इसे तभी निकालूंगा जब मुझे इसके मालिक का पता चलेगा। अब वे बात करते खाना खा चुके थे फिर वे हाथ धोकर अपने अपने बेड में चले जाते हैं फिर वे अपने पढ़ाई में व्यस्त हो जाते हैं ।

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