19Dec 2021 पूर्वांग उत्सव 2021 की झलकियां
भगवान विनायक अभिषेक: स्वामी नित्यानंद परमशिवम की 45 वीं जयंती के अवसर पर नित्यानंद परमशिवम देवालय आदिकैलाश में।
कुछ उभयनिष्ठ चीजें हैं जो सभी हिंदू संप्रदायों में स्वीकार्य हैं जैसे कि वेदों का प्राधिकारिता, ओम की परम पवित्रता, गौमाता की पवित्रता। यह सभी निर्विवाद रूप से सभी हिंदू संप्रदायों द्वारा स्वीकार की गई हैं। इसी तरह से एक मुख्य पहलू है, गणेश- प्रथम देवता।
महागणपति ने हम सभी को आशीर्वाद दिया है। हम सभी अपने जीवन में सब कुछ मंगलकारी देखेंगे और कैलाश के लिए गणपति "सर्व मंगल स्वरूप", सदैव शुभ हैं।
आप उन्हें किसी भी चीज के लिए पूज सकते हैं। किसी भी तैयारी की कोई आवश्यकता नहीं है। आप शैव सम्प्रदायी, कौमार या अन्य कुछ भी हो सकते हैं। वैष्णवजन भी पूजा शुरू करने से पहले गणपति की पूजा करते हैं। तमिलनाडु में उनके लिए एक विशेष नाम है-
थुम्बीककई आज़हवर ।
गणपति की पूजा सभी हिंदू संप्रदायों द्वारा की जाती है। ऐसा कोई भी संप्रदाय नहीं है जो गणपति को प्रथम देवता नहीं मानता हो।
- स्वामी नित्यानंद परमशिवम के साथ बातचीत के कुछ अंश
https://nithyanandapedia.org/wiki/August_12_2020
गणपति उपनिषद, अथर्ववेद:
अनेन गणपतिम्-अभिषिञ्चति स वाग्मि भवति
अनुवाद:
जो इस उपनिषद के साथ भगवान गणपति का अभिषेक करते हैं उन्हें वाकशक्ति प्राप्त होती है।