जादू सा

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जिस राह पर चलते-चलते हमने अपना जीवन गुजार दिया ना जाने कैसे तुमने दो कदम में उस राह पर मंजिल पाली,

जिस आसमान को छूने को मैंने एक उम्र लगा दी ना जाने कैसे तुमने एक उड़ान में उसे पा लिया,

जिस चांद की चाह में चकोर ने सौ जन्म ले लिए ना जाने कैसे तुमने उसे रोहिणी बन एक नज़र में पा लिया,

जैसे भी किया जो भी किया किस्मत से किया या किस्मत ने किया जादू सा किया ,
जादू सा किया।

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