दिसंबर का महीना चल रहा है। आज का दिन साल का सबसे ठंडा दिन है। पूरा गांव अंधेरे से ढका है। हमारे गांव में ज्याद बर्फ बारी की वजह से लाइट नहीं आ रही है। हम उत्तराखंड के एक छोटे से शहर औली में रहते है जो भारत के सबसे ठंडे शहरो में गिना जाता हैं।
पर हमारा गांव शहर से थोड़ा आगे पर्वतों की चोटी पर बसा है। जहां ठंड में बर्फबारी की वजह से रास्ते जाम हो जाते हैं।
हमारे गांव से शहर का बाजार दूर पड़ता है। और पापा शहर गए है,घर का राशन लेने के लिए। मै और मेरी फैमली हम एक तशले में आग जला कर हाथ,पैरो की शिकाई कर रहे है।और मुगफली खा रहे हैं।
मेरी फैमली में हम चार लोग है, दादा,पापा, मम्मी और मैं।मै मूंगफली को छीलती और उसके दाने को अपने मूंह में डालती और छिलके को उस जलती हुई आग में डाल देती तशले की आग अंदर से सुर्ख लाल और ऊपर पीली जल रही थी,
मैंने जैसे ही उसमे मुंगफली का छिलका डाला वो आग पहले तो उसकी हवा से थोड़ा किनारे हो गई जैसे उस छिलके को आने का रास्त दिया हो,फिर कुछ ही छड़ो में उसे खुद में छिपा लिया जैसे उसका कोई खोया हुआ सामान बड़े अरसो बाद मिला हो।
फिर करीब 30 सैकेंड के बाद वो मुंगफली का छिलका लाल से धीरे-धीरे काला हो गया। जैसे उसने अपना अस्तित्व उस आग में खो दिया हो।
के अचानक गेट की कुंडी बजी मैं उठी ही रही थी। की पापा की आवाज आई नैनसी "मैने भाकर दरवाजा खोला" क्योंकि उस दिन ठंड बहुत ज्यादा थी।
वो सर्दी की ठंडी हवाएं जिस्म को ऐसे चुभ रही थी, जैसे मानो कोई ठंडी सूई चुभा रहा हो।
पापा जैसे ही अंदर आए, मैंने जल्दी से दरवाजा बंद किया और अंदर की और चल पड़ी। की पापा ने मुझे रोकते हुए कहा,"बेटा ये सामान किचन में ले जाओ" और पापा बैठक में चले गए। पापा के बैठक में पैर रखते ही मम्मी ने पूछा लेट कैसे हो गए।
"थोड़ा चिंता जनक शब्दों में कहा"जब पता है की ठंड ज्यादा है,और बर्फ भी पड़ रही हैं। रास्ते बंद हो जाते है,तो थोड़ा जल्दी नहीं कर सकते थे।
पापा सर से टोपा उतरते हुए हंसे और सौफे पर बैठते हुए कहां अरे वो रमेश काका मिल गए थे। उनकी बिटिया अपने लड़के के लिए लड़की ढुंड रही हैं।
उनके लड़के की नौकरी लग गई है, अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी में,वो वहां पढ़ाने लगा हैं। एक साल हो गई है।
तो वो उसकी शादी करना चाहते है, वो अमेरिका में ही रहता है।
अब वो तो अमेरिका जाने से रहे, तो वो उसकी शादी करना चाहते है। ताकि उसका वहां कोई ध्यान रखे। उसकी भी फैमली बन जाएउनकी फैमली चाहती है। की उनके बैठे की शादी इंडिया की ही लड़की से हो, जो हमारी संस्कृति जानती हों, पापा बता ही रहे थे।
की मम्मी ने कहा "अरे तो विदेशी लड़की का क्या भरोस कब थोड़ी सी लड़ाई में तलाक दे कर चली जाए" मै पापा की खाने की थाली लगाते हुए सब सुन रही थी।
पापा ने फिर कहा "अरे वो कल हमारी बिटिया नैनसी को देखने आ रहे है। " मै खाने की थाली लिए दरवाजे पर खड़ी सन्न रह गई"।
आप पढ़ रहे हैं
वो बर्फीली रात
Short Storyये कहानी है उत्तराखंड में रहने वाली एक लड़की की जिसका बचपन का सपना था। विदेश में पढ़ने का क्योंकि उसके गांव में विदेश में पढ़ने वाली लड़की को बहुत ही होशियार और किस्मत वाली लड़की माना जाता हैं। और उसका यही सपना पूरा करने के लिए उसके पिता उसकी शादी...