दृश्य: एक चमचमाती साड़ी की दुकान, रंगीन रेशम और ज़री के काम से सजी हुई. हवा में हल्का-हल्का इत्र का सुगंध तैर रहा है. दोपहर का सूरज दुकान के शीशे पर चमक रहा है.
जितिन: एक लंबा, दुबला-पतला लड़का, जो अपनी माँ के साथ दुकान में आया है. उसके चेहरे पर असहजता झलक रही है.
जितिन की माँ: एक सुंदर, आत्मविश्वास से भरपूर महिला, जिसकी साड़ी का पल्लू हवा में लहरा रहा है. वह दुकानदार को जानती है.
दुकानदार: एक अनुभवी और मिलनसार व्यक्ति, जिसकी आँखों में दशकों का अनुभव झलकता है.(जितिन की माँ और दुकानदार एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराते हैं.)
दुकानदार: अंजलि जी! आप फिर पधारेंगी!
जितिन की माँ: नमस्ते रमेश जी. हाँ, आज जितिन के लिए कुछ खास देखने आई हूँ.
(जितिन की ओर इशारा करती हैं.)
दुकानदार: (जितिन को ध्यान से देखते हुए) बेटा, अब इतना बड़ा हो गया है! आपने तो उसे आखिरी बार एक छोटे से बच्चे के रूप में देखा था.
जितिन की माँ: हाय, बिल्कुल! समय कैसे उड़ जाता है! तो, क्या आपके पास जितिन के लिए कुछ खास साड़ियाँ होंगी?
दुकानदार: (कुछ सोचकर) बिल्कुल! लेकिन पहले, मैं उसका नाप लूं. (जितिन की ऊंचाई और बस्ट साइज़ नाप लेता है.)
जितिन: (कुछ शर्मिंदगी से) माँ, ये सब करने की ज़रूरत नहीं है...
जितिन की माँ: (हंसते हुए) बेटा, ये सब ज़रूरी है. चलो, अब तुम्हें कुछ खूबसूरत साड़ियाँ दिखाता हूँ.
(दुकानदार जितिन को अलग-अलग रंग और पैटर्न की चार साड़ियाँ दिखाता है. जितिन उनमें से चार को पसंद करता है - एक नीली शिफॉन साड़ी, एक हरी बनारसी साड़ी, एक गुलाबी रेशम साड़ी और एक पीली कॉटन साड़ी.)
दुकानदार: बहुत बढ़िया! अब ब्लाउज़ के लिए तुम्हारा नाप लेना होगा. (जितिन का ब्लाउज़ साइज़ नाप लेता है.)
जितिन की माँ: रमेश जी, जितिन के लिए कुछ और भी सुझाव दें.
दुकानदार: (मुस्कुराते हुए) निश्चित रूप से! साड़ी के साथ मैचिंग ब्रा-पैंटी और शेपवियर का एक सेट भी ले लें. जितिन को ये पसंद आएंगे.
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Feminine
FantasyIt's never too late to learn something new. With the support of a loved one, anything is possible.