"अखिलेश, आज तुम्हारा प्रमोशन हुआ है तो आज का भोजन तुम्हारी तरफ से ।" एक 20 साल की लड़की अखिलेश से कहती है। "हां भाई तो तैयार हो जाओ अपने जेब खाली करने को। "अखिलेश की पीठ ठोंकते हुए प्रवीण कहता है।
"ठीक है, आज तुम दोनों को जो खाना है बोलो, आज सब मेरी तरफ से ।" मुस्कुराते हुए अखिलेश कहता है।फिर तीनों अपना भोजन कर होटल से निकल जाते है और रिकिता को अलविदा कह दोनों मेट्रो के लिए निकल जाते है।
एक बुढ़ा धोती पहने हाथ में लाठी लिए होटल से निकलता है और मेट्रो की ओर जाता है।
दोनों दोस्त जब मेट्रो में प्रवेश करते है तो अखिलेश को कुछ याद आता है और वो प्रवीण से बोलता है
"जा! मैं तो रिकिता को कार्ड देना भूल ही गया। तुम जाओ बैठो और मैं उसको कार्ड देकर आता हूं। वह अभी ज्यादा दूर नहीं गयी होगी।"
फिर वह दौड़ते हुए वहां से चला जाता है।प्रवीण के सामने वह बुढ़ा आता है और एक प्राचीन लकड़ी का बक्सा देते हुए कहा "बेटा एक संकट आने वाला है और उस संकट की घड़ी में जब कुछ काम ना आए तो इसका प्रयोग करना।"
चलता हूं बच्चे, अपना ध्यान रखना।"
फिर वह देखते ही देखते कुछ ही देर में वहां से चला जाता है।
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Srivat
Science Fictiona mahasankat awaiting for the world how would akhilesh and their team get out of the sankat.