पड़ोसन पार्ट 3

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और एक मैं दोनों मिले इसतरहा , हम बने तुम बने एक दूजै के लिए .." उसको कसम लगें ..'उसको कसम लगे जो बिछड़कर एक पल भी जिए " अब तो शालू भी मेरे साथ गाने लगी ये जीवनका रोमांचकारी अनुभव था जो इससे पहले क़भी महसूस नहीं हुआ |  नेक्स्ट सोंग ट्युन होते ही शालू अपने अंदाज में गुनगुनाने लगी और मैं भी साथ देता रहा ..मुझें तुमसे हैं कितने गीले ..क्यों ..? क्यों ..? तुम इतने दिन बाद मिले बोलों इतने दिन क्या किया | क्या किया ? क्या किया ? ...तुझें याद किया हो ...तेरा नाम लिया ..तुझें याद किया ..तेरा नाम लिया " इस तरह से रातकी तन्हाई में दो दिलोकि आग़ोश में हम खो रहे थें " शालू की दीवानगी में रोमांस दुबना हो रहा था | कावेरी को भी आज आज मेरे इस बरताव पे बड़ा नाज आया के इतने सालों बाद भी तो कावेरी को इस तरह से चाहना मोहब्बत करना कावेरी को भा .." गया हर रोज मुझें टालने की उसकी आदत और आज दिखाई देनेवाला उसकी आँखों में प्यार का मंजर बड़ा ही दिलनशीं था जैसे अपने आपको पूरी तरह से समर्पित किया हो .." कावेरी मूड़ प्यार की हद्दे पार कर रहा था , बीचमें रोखते हुए टेपरिकॉर्डर बंद किया ड्रोवर में रखी कुछ कैसेट निकाल कर देखने बाद टेपरिकॉर्डर शुरू हुआ .. जुली ..हो""हो जुली लव यू ...भूल गया सब कुछ याद नहीं अब कुछ.. हो ..हो  जुली लव यू  .. कावेरी का चेहरा हसीन और कामुक हो गया देखते ही देखते मेरे ओठो से ओठ मिलाकर स्मूच करने लगीं .. स्मूच करते हुए मेरे दोनों  हात उसकी पीठ, औऱ बम पर घुमने लगें कावेरी भी पीठ में नाख़ून गाड़ कर उत्तेजित कर रहीं थीं ठंड का सुनहरा मौसम और रात की तन्हाई दो दिलो की मदहोशी बया करने में कोई कसूर नहीं छोड़ रहीं थीं |  एक हात से टेपरिकॉर्डर बंद कर दिया औऱ सीधे बेड के ऊपर आ गए शालू की नशा इस कदर हावी होने लगीं के अंगअंग रोमांचित होता रहा ..देखते ही देखते कावेरी की नाइटी शरीर से अलग होकर बेड के साइड में गिर गयी , मेरे टी शर्ट और शार्ट उतार दिए मुझें बेड के ऊपर लिटाकर कावेरी मेरे ऊपर चढ़ गई ..ओर पागलो की तरह मुझें चूमने लगी क़भी ओठो से चूमती तो क़भी अपने जीभ से मेरे छाती को सहलाती  रही कुछ देर बाद कावेरी के ऊपर आते हुए ओठो को जोरो से स्मूच करता रहा कभी ओठ, तो कभी उसके लटकते आम मुँह के अंदर लेके चूसने और काटने लगते ही उसकी मुँह से अजीब आवाज रूम में गूंजने लगती ..आ.. हा .." आ ..हा "   कंधे ,पीठ, नाभी चूमने से ओ पूरी तरह उत्तेजित हो गयी नाभि चूमते ..उसकी दोनों टांगे उठा दी पिंक कलर की चड्डी झटसे अलग कर दी ..मुलायम गुबारे की तरह फूला हुआ उसका गुप्तांग मेरे नजरो के सामने था " सासो गति बढ़ने की वज़ह गुप्तांग ऊपर नीचे हो रहा था झटसे उसे अपने उठो से चुम लिया मुँह से और सिसकिया निकलने लगी आ.."हा ..बस .." अपनी जीभ निकालकर गुप्तांग के अंदर डालकर सहलाने लगा अब ओ पागलो की तरहा चीख़ने लगी उफ्फ.. आ.. हा.." उफ्फ .." अब किसी भी वक्त स्खलन हो जाएगा इसका अहसास हुआ पर मैं किसी भी हालत में ये मौका गवाना नहीं चाहता था ओ अपना कमर जोर जोर से उछालते हुए जीभ को अपने अंदर तक समाती रहीं ..." अब सासो पर कंट्रोल करना भारी हो गया ..उफ्फ..." उफ्फ "" चिकते हुए कावेरी झड़ गयीं कुछ सेकंड तक उसका कामरस बहता रहा ..तेजी से सास लेकर बिस्तर पर ढेर हो गयी .." मैं भी उठकर बेसिन जाकर मुँह को साफ किया और कावेरी की बाहों में जाकर प्यार से उसकी जुल्फों को सहलाने लगा " कावेरी ने बड़ी प्यार से मेरा माथा चुम लिया और ty कहाँ !

क्रमशः

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