अनोखा मिलन 🌹 (अंतिम)

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सपना -- छि: बाबूजी.. आप कैसे गन्दी बातें कर रहे हैं!  प्लीज..

मैं -- ओके बहु सॉरी..नहीं कहूंगा कुछ..

सपना -- ठीक है मैं ये जीन्स टॉप नहीं पहनती, मैं कुछ और ट्राई करती हूँ।

मैं अभी भी अपने आप को कण्ट्रोल किये बैठा था. सुबह से कई बार बहु की खुली चूचि और जांघों को देख मेरे लंड में तूफ़ान सा मचा हुवा था. मुझे बहुत मन हो रहा था, के बहु मुझसे चुद जाए और अपने गरम होंठो से चूस कर मेरे लंड का पानी निकाल दे.

मैं अपना हाथ अपनी पैंट के अंदर डाल कर लंड को मसल रहा था,

बहु अपने कपडे उतार रही थी. रेड पेटीकोट और खुली हुई रेड ब्लाउज में उसके पीठ गोरी चिकनी चमक रही थी। वो अपनी ब्लाउज लगभग उतार चुकी थी और उसकी वाइट ब्रा नज़र आ रही थी. बहु की कमर तक नंगी पीठ देख मुझसे रहा नहीं गया. मैंने बहु को पीछे से पकड़ लिया और उसकी नंगी पीठ और कमर पे किस करने लगा. बहु चौंक गई..

सपना -- बाबूजी ये क्या कर रहे हैं ?

मैं -- अपनी माल सी बहु की पीठ चूम रहा हूँ.. करने दे बहु तुम आज बहुत हॉट लग रही हो.

(मैं किस करता हुवा बहु की नाभि को अपने जीभ से चाटने लगा उसके गहरी नाभि के छेद में अपनी पूरी जीभ डाल दी और अपने दांतो से उसके नरम मुलायम पेट को काटने लगा. बहु काँप रही थी और उसकी उँगलियाँ अनायास ही मेरे बालों में आ कर रुक गयी.

सपना -- बाबूजी.. रुक जाईये ये आप क्या कर रहे हैं.

मैं -- (मैं साड़ी के ऊपर से बहु की बुर दबाने लगा), अपनी पैंटी उतार दे बहु मुझे अपनी बुर का जूस पी लेने दे.

सपना -- प्लीज बाबूजी ऐसे मत बोलिये!

(बहु दौड़ के बाथरूम की तरफ भाग गई)मेरी वासना शांत नहीं हुई थी, मैं बहु को चोदने के लिए बेताब था, लेकिन कोई रास्ता ना निकलता देखकर वापस डाइनिंग हॉल में लौट आया. कुछ देर बाद बहु भी डाइनिंग हॉल में खाना ले कर आ गई. हम वहीँ अपना लंच करने लगे. हमेशा की तरह आज भी बहु मेरे बगल में बैठी थी और एक साइड टीवी पे इंडिया पाकिस्तान का मैच आ रहा था. मैं टेबल के नीचे अपना लंड पायजामे से बहार निकाल कर सहलाने लगा, बहु ये सारा नज़ारा अपनी आँखों से देख रही थी. कई बार मैंने बहु का हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रखा मगर वो कुछ देर मेरा लंड हिलाने के बाद हटा लेती थी,  मैंने धीरे से अपना हाथ बढ़ा कर बहु की सलवार खोल दी. मेरे हाँथ की थोड़ी सी हरकत पे बहु ने अपना पैर फैला दिया जैसे वो मुझे अपनी चूत का रास्ता बता रही हो. अंदर हाथ डाला तो देखा के बहु की बुर बहुत ज्यादा गीली हो चुकी हैं. मैंने जैसे ही उसकी बुर को हाथ लगाया उसकी बुर से चिपचिपे पानी की धार निकल पड़ी. बहु को मस्ती चढ़ने लगी उसके मुँह से उम्म्म उम् की आवाज़ आ रही थी और वो मज़े लेते हुवे अपने होठ को बार बार जीभ से गिला कर रही थी.

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