ANDHERI RAAT

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एक रात की बात है,मैं श्याम अपने कुछ दोस्तो (अमित, शिवम और मधु) के साथ साथ घूमने जा रहा था। Date- १३/०९/२०१८ को हम सब ने विचार किया के हमे कही घूमने जाना चाइए, मधु ने सुझाव दिया Goa जाते है, हम सब राजी हो गए Goa जाने के लिए, अगले दिन हमने अपना सफर शुरू किया लेकिन सफर शुरू होने से पहले ही किसी ने गाड़ी के हवा ही निकल दी, इतना समय बर्बाद करने के बाद हवा भर के हम निकले और कुछ दूर चलते ही एक बिल्ली ने हमारा रास्ता ही काट दिया, मैं उन सब से कहता रहा आगे मत बढ़ो बुरा होगा, किसी ने मेरी एक नही सुनी उल्टा मेरा मजाक बना रहे थे, रात होने को आ रही है, हम एक सुनसान रास्ते से गुजर रहे थे, गाड़ी चलाते सब थक चुके थे, और आगे गाड़ी चलाने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी। तो गाड़ी को थोड़ी देर के लिए वही रोक कर हम थोड़ा टहलने लगे। इतने में एक आदमी वहा अचानक से आ गया, और कहने लगा चले जाओ, चिल्ला चिल्ला के, हमने उसकी बात को मजाक में लिया और वही घूमते रहे, तभी अमित को सुसु आ गई, और वो जंगल की तरफ चल पड़ा। हम सब गाड़ी में बैठ के उसका इंतजार कर रहे थे।
5 मिनट बीत गए वो नही आया, हम गाड़ी से बाहर निकले, हमने खूब आवाज लगाई। कोई जवाब नहीं आया, मधु डर गई, और बोली उस आदमी ने बोला था यहा मत रुको तुम सब को किसी की सुननी कहा है, अब पता नही कहा गया वो, ढूंढो उसको।
हम सब ढूंढने के लिए जंगल की तरफ गए, हम अमित का नाम बार बार चीख रहे थे, लेकिन कोई जवाब नही आ रहा था, जैसे जैसे समय बीत रहा था डर और बढ़ रहा था।
कुछ दूर चलने के बाद हमे वहा एक फोन गिरा हुआ मिला, शिवम डर के साथ बोला कही ये अमित का तो नही, मैं फोन को उठाया और ऑन करने के कोशिश की लेकिन वो बंद था।
मैंने सोचा के अगर हम एक साथ ढूंढेंगे तो वो कैसे मिलेगा, हम सब अलग अलग होके ढूंढते है, शिवम राज़ी हो गया लेकिन मधु नहीं। तब मैने मधु से कहा गाड़ी ज्यादा दूर नहीं है जा के बैठ, अगर अमित आ जाता है तो कॉल कर दियो। वो मान गई और गाड़ी की तरफ चल पड़ी, अब मैं और शुभम ने तय किया की आधा घंटा ढूंढेंगे फिर गाड़ी के पास मिलेंगे। हम दोनो अलग हो कर ढूंढने लगे, शुभम को थोड़ी देर बाद एक शर्ट मिला जो अमित का था, खून से डूबा हुआ शर्ट। शुभम डर गया और जोर से चीखा। मैं उसकी आवाज सुन उसकी ओर भागा, उसके पास पहुंचा और देखा के अमित की शर्ट खून से डुबी हुई, और आगे और भी खून के निशान है। मैंने शुभम को धीरज रखने को बोला, और हम आगे बढ़ने लगे, कुछ दूर चलने के बाद हमे एक हाथ मिला, जो की अमित का ही था, वो ही घड़ी जो मैने अमित को तौफे में दी थी। हम दोनो डर गए और गाड़ी की तरफ भागने लगे।गाड़ी के पास पहुंचे तो देखा मधु तो है ही नही।
कुछ देर इधर उधर देखने के बाद शुभम के नजर गाड़ी के नीचे गई, जहा से खून बहता हुआ आ रहा था। शुभम जोर से चीखा, और उनसे मुझे नीचे देखने को कहा।
मैं नीचे देखने के लिए झुका तो वो मधु थी। मैंने शुभम को कहा गाड़ी पीछे कर, जैसे ही गाड़ी पीछे हुई हम उसका चेहरा दिखा, ऐसा लग रहा था, किसी ने खाया हो। एक हाथ भी नहीं था। हम डर चुके थे, हमारे 2 दोस्त एक घंटे के अंदर ही मर गए, हमने तुरंत गाड़ी स्टार्ट की और निकल गए वहा से बहुत दूर, घर जाते तो उनकी मौत का जवाब कौन देता, तो हम दोनो ने सोचा चलते है और कभी इस रास्ते में मुड़कर। नहीं आयेंगे।

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⏰ पिछला अद्यतन: Sep 11 ⏰

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