की इस कदर हमे बरदाश्त न किया कीजिए(x२)
यूं सहमी नज़रों से देखा न कीजिए
की रूह पर खंजर यूं ना भौंका कीजिए
जो नजरें कभी ताकती नही थकती हमे
उन नज़रों के आगे से हमे हटा दिया कीजिए
मिटाडेंगे वजूद अपना, जला लेंगे जी अपना
बस इस कदर हमसे दिखावा ना किया कीजिए
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शिकायतें....🖤हिंदी poems ❤️🌹🍁
Poetryकविता/नज़्म... आइए जनाब यह आपका ही दरबार हे!!!!🍁🍁🍁🍁❤️❤️❤️❤️🖤🖤🖤🖤
बरदाश्त....🍂
की इस कदर हमे बरदाश्त न किया कीजिए(x२)
यूं सहमी नज़रों से देखा न कीजिए
की रूह पर खंजर यूं ना भौंका कीजिए
जो नजरें कभी ताकती नही थकती हमे
उन नज़रों के आगे से हमे हटा दिया कीजिए
मिटाडेंगे वजूद अपना, जला लेंगे जी अपना
बस इस कदर हमसे दिखावा ना किया कीजिए