खुद के लिए

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खुद के लिए खुद से लड़ कर जीना
ए - जिंदगी गर तेरी रज़ा यही है
तो हमने भी दिल से क़ुबूल ली है !!

फिर क्यों तू ले आती है पास
गिले शिकवे इतने .........
हमने तो तेरी ही हर बात को
खुदा माना है .............

लोग ढूंढते है खुशिओं में ख़ुशी
हमने तो हर गम को भी ख़ुशी माना है
तेरी हर इल्तज़ा को रख कर सर माथे पर
तुझ से किया हर वादा जो निभाना है !!

मनीषा

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