ख़त

26 4 0
                                    

तेरा वो ख़त

आज भी अरमानोंसे लवरेज़ सा है
की उसमे महकती तेरे प्यार की खुशबु
तेरे होने का एहसास मुझे देती है !

मैं तन्हा और उदास होती हूँ जब भी
जिंदगी से .......
तू कही आस पास है मेरे हर पल
यही आवाज़ मुझे देता है ......

मनीषा

🎉 आपने हमसाया को पढ़ लिया है 🎉
हमसाया जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें