तीसरा दिन 11 अगस्त - बेलगांव
सुबह 6.30 बजे उठा। स्कूल के बाथरूम में ठण्डे पानी से नहाया। योग किया खबर सुनी। भरत लाटकर जी स्कूटर से घर ले गए। स्कूल में कार्यक्रम हुआ। अनुशासनबद्ध शानदार स्कूल। हेमा से मुलाकात हुई। वे मुलताई आई थी। उनके पति श्रीधर पुराने साथी निकले हम जर्मनी साथ गए थे। लाटकरजी ने कहा कि वे स्कूल के जमाने वाले विशेषकर क्रीडा के क्षेत्र में नीव के पत्थर है।
यही वह स्कूल हैं जहॉ के स्कूल के छात्र, छात्राए पूरे देश में सेवा दल की ट्रेनिंग देने शिविर लेने जाते हैं। उन्हें प्रशिक्षण देने वाले राजेन्द क्रीडा प्रशिक्षक से मुलाकात हुई। अजीत भाई ने साथियो के साथ बाजार को लेकर गाने की प्रभावकारी प्रस्तुति की। मैंने छात्र, छात्राओं से कहा कि वे स्कूल की दीवारो पर जिन राष्ट्रीय नेताओ एवं सामाजिक अगुआंे के चित्र (स्केच) देखते हैं सभी ने समाज और देश के लिए कुर्बानी दी। मैंने पूछा कितने लोग समाज के लिए काम करना चाहते हैं सैकड़ो छात्र, छात्राओं ने हाथ खड़े किए। शिक्षा का मक्सद अच्छे इंसान बनाना तथा समाज और देश के समक्ष चुनौतियो का मुकाबला करना होना चाहिए। बाजार की मांग कि पूर्ति करना नहीं। दोपहर 3.00 बजे बेलगांव पहुंचे। रास्ते में शानदार हरियाली के दृश्य देखने मिले। मुम्बई से लेकर बेलगांव तक कम से कम 10 टोल टेक्स पर रूकना पड़ा। पैसा भरना पड़ा। सांगली में हमने जमात ए रामस्त कहने वालो सैकड़ो दुकानो पर पोस्टर (फ्लेक्स) लगे देखे। लेकिन रोड़ शानदार थी। गढ्ढा, विहीन चिकनी सड़क गांव की सड़को की खस्ता हालत ध्यान में आई। ख्याल आया कल 12 अगस्त को मुलताई में हर माह होने वाली 159 वी महापंचायत निरगुड़ में होगी। लेकिन वहॉ बरसात में किसी भी गाड़ी से जाना नामुमकिन हैं। शहर से जुडे़ गांवो की हालत से तो म0प्र0 के दूरदराज इलाको की हालत समझी जा सकती हैं। सड़को की गैरबराबरी भी अहम प्रश्न बना हुया हैं।
बेलगांव में एक शानदार होटल न्यू उदय भवन में भोजन हुआ। लोकमान्य मल्टीपैलक्स कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के कार्यालय में कार्यक्रम हुआ। उन्होंने स्वागत किया। सभी यात्रियो को फूलो से तथा जूट के बैग तौलिया और मिठाई के डिब्बे देकर सम्मानित किया। सातारा में भी एक मिठाई का डिब्बा मिला था। शायद यह चलन महाराष्ट्र से बाहर नही है।