आठवां दिन - 16 अगस्त
नेशनल पार्क से होते हुए कलपटा (वायनाड़) केरल पहुंचे रास्ते में बडी संख्या में तरबूज बिकते दिखलाई पडे। जंगल घना था। केरल की सीमा पर पी.जे. जोसी ने जाकर बात की, गाडियो का टैक्स नही देना पड़ा। विधायक प्रेमनाथ (जनता दल से.) जनता दल के जिलाध्यक्ष, अॅड कोटन वर्गाेस, विजय राघवन, लोहिया विचार वेदी, राजू कृष्णा, रूक्मणी तथा सुमन जेम्स आदि ने स्वागत किया। कार्यक्रम अच्छा रहा। प्रेमनाथ जी ने अनुवाद किया। मैंने अपने भाषण में पाटुआ पल्ली, बुन्नुकाढ, बुरपुरा में समाजवादियो द्वारा चलाये गये किसान आन्दोलन का जिक्र किया। के.के. हमसा कार्यक्रम में एच.एम.एस. के नेता श्री देवसी, जनता दल (से.) नेता श्री वरकी, मनीयन आदिवासी नेता मौजूद थे। वहॉ से हम कन्नूर जिले के नरनेरी पहुंचे जहॉ हमारी मुलाकात कार्यक्रम के दौरान लोहिया जी पर कई मलयालम किताबो के लेखक श्री पणिकर, लोहिया विचार वेदी के श्री रविन्द्रन मास्टर, जनता दल के श्री भास्करन, श्री एन व्ही बालकृष्णन, श्री पद्मनाभन नायर, श्री पद्मनाभन मास्टर, श्री गोविन्दन, दामोदरन मास्टर से हुई।
भोजन कर रवाना हुए। मोइदू में जिला पंचायत के सदस्य श्री शंकरन ने स्वागत किया। अयूर में जबरदस्त स्वागत हुआ। यह विधायक श्री प्रेमनाथ का क्षेत्र हैं। जहॉ श्री नानू मास्टर श्री ए.टी. एस. श्रीधरन, श्री मनयत चंद्रन, दामोदरन मास्टर, एन. बालकृष्णन श्रीधरन, श्रीमती लीला, श्रीमती नीलेश द्वारा स्वागत किया गया। पटाखे फोडे गये। 125 वाहनो (जीप) की रैली कालीकत के लिए रवाना हुई। जहॉ लगभग 1 कि.मी. की रैली निकाली गई। रैली के बाद की सभा में श्रीमती नंदना रेड्डी मौजूद थी। जहॉ सीता नाम की स्व. स्नेहलता रेड्डी द्वारा लिखित पुस्तिका का लोकार्पण हआ। सभा में डॉ. अजिता पूर्व नक्सलवादी मौजूद थी। जिनकी पुस्तिका एक युवा क्रांतिकारी की आवाज काफी चर्चित रही हैं। श्रीमति नंदना रेड्डी ने कहा कि मैं इतने सारे समाजवादियो को मिलकर बहुत खुश हॅू। विशेषकर के युवा समाजवादियो को देखकर उम्मीद बंधी हैं उन्होंने कहॉ कि हमारा संविधान समाजवाद के सिद्धांत को मानता हैं। लेकिन देश पूंजीवादी नीतियो पर चलाया जा रहा है। उन्होंने डॉ. लोहिया और महात्मा गांधी को सदी के दो बडे चिंतक बताते हुये कहा कि यदि दोनंो की दृष्टि पर भारत चलता तब देश की अलग स्थिति होती। बैंगलोर के वी.पी. ओ (कॉल सेंटर) में काम करने वाली लड़कियो की स्थिति का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि जब अमरीका जागता हैं तब इन्हें काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि देखने में आया हैं कि पैसे के लिए लोग सब कुछ छोडने को तैयार हैं। कहा जाने लगा हैं कि पैसा सेक्स से भी ज्यादा सेक्सी हैं। उन्होंने कहा कि मैं इससे सहमत नही हू तथा लोगो को अगर प्यार करने का समय भी नही रहेगा तो नई पीढीयो के भविष्य के बारे में क्या सोचा जायेगा? उन्होंने कहा कि मैं तो मानती हॅू जैसा रविन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि हर बच्चा जो पेैदा होता वह दुनिया के लिए नयी उम्मीद लेकर आता हैं तथा यह बताता हैं कि भगवान मनुष्य से नाराज नही हैं उन्होंने कहा भारत को बहुराष्ट्रीय कम्पनी ने उपनिवेष बनाया हैं। उन्होंने सीता नाटक के बारे में बताते हुए कहा कि इस नाटक का हीरो रावण है। क्योंकि वो वास्तव में सीता को प्यार करता हैं। मैंने अपने उद्बोधन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दिवगंत श्री के हुकाराम को जो छः वर्षाे तक आजादी के आन्दोलन के दौरान जेल में रहे, दिवगंत डॉ. के.सी. मेनन पूर्व सांसद, स्व. आरगंल श्रीधरन, स्व पी.के. शंकरन कुट्टी, विधायक एम.के. प्रेमनाथ, दामोदरन, मास्टर अॅड पी.एम. पद्भानन, थामस मास्टर, बालन, तायाथ, किसनचंद, विरन मास्टर, एम. बालकृष्णन, लोहिया विचार वेदी के श्री विजय राघवन, श्री निवासन, सुरेश आदि मंचासीन नेताओं को सप्तक्रांित विचार यात्रा में रूचि लेने के लिए धन्यवाद दिया। विशेष तौर पर वीरेन्द्र कुमार (जनतादल से.) के प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देते हुए उनसे समाजवादियो को इकट्टा करने की जिम्मेंदारी उठाने की अपील की।
पूरे दिन मुझसे जो भी साथी मिले वे समाजवादी एकता के लिए प्रयास करने को करते रहे। विशेष तौर पर सोशलिस्ट छात्र संगठन के छात्र नेताओं का तथा विधायक प्रेमनाथ ने समाजवादी एकता पर जोर दिया। रैली की सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि उत्तर भारत के नेताओं की तरह रैली व्यक्ति केन्द्रित नही थी। जबकि अधिकतर लोग जनता दल (से.) के थे। लेकिन झंडा और बैनर का इस्तेमाल नही किया गया। लोहिया के फोटो तथा सप्तक्रांित विचार को लेकर ही नारे लगते रहे। कालीकत आते हुए रास्ते में सड़के बहुत खराब मिली। म0प्र0 में कांग्रेस के कार्यकाल की सड़के याद हो आयी। बीच में माही नदी पड़ी। माही शहर पड़ा जो पुडुसेरी (पाड़चेरी) में आता हैं। पुडुसेरी के इस शहर में बडे पैमाने पर दारू केरल की तुलना में सस्ते दामों पर बेची जाती हैं। पेट्रोल, डीजल भी चार रूपये कम रेट पर मिलता है रास्ते में प्रेमनाथ जी से बात होती रही। उन्होंने नारियल, काजू पैदा करने वाले किसानो की बद्तर स्थिति को विस्तृत जानकारी दी। रात को कालीकत में कल्पका होटल में विश्राम किया।
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