तेहरवा दिन -21 अगस्त

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तेहरवा दिन -21 अगस्त

सुबह चिरापल्ली (तिरची) में कासा रिसोर्स सेन्टर में योग किया। समाचार पत्रो से मालुम हुआ कि पुलिस वालो ने शराब पीकर एक दलित को पीट पीटकर मार डाला अखबारो में यह भी पढ़ने मिला की सरकार फुड बिल (खाद्य सुरक्षा विधेयक) के नाम पर गरीबी रेखा से नीचे रहने वालो की संख्या आधी से कम करना चाहती है। मेनुयल वर्क्सस युनियन के नेता भाई रामस्वामी ने कहा कि केन्द्र सरकार, राज्य सरकार गरीबो के लिए विषेष तौर पर सफाई कामगारो के लिए कुछ करने को तैयार नही हैं अधिकारियो को इतनी अधिक तनखा दी जाती है कि वे गलत नीति का विरोध नही करते उन्होंने कहा कि लोहिया विचार यात्रा से पूंजीवाद के खिलाफ संघर्ष तेज होगा। राजु भाई ने कहा कि वे 1981 से बन्धुओ मजदूरो के बीच काम कर रहे है उन्होंने कहा कि गांधीजी के बाद लोहिया जी सबसे बडे विचाराक थे उन्होंने कहा कि समाजवाद ही पूंजीवाद का विकल्प है। कामरेड जगदीषम ने कहा कि पानी में प्रदूषण लगातार बढता जा रहा है जिसके चलते खेती को काफी नुकसान हुआ है उन्होने कहा कि पानी को बेचना भी बंद करना पडेगा। मैंने किसान नेताओ के समक्ष विस्तार से डब्ल्युटीओ, एषियन, इंडिया फ्री टेªड एग्रीमंेट, एग्रीकल्चर प्रेक्ट्रीसेस बिल के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार विचार रखे। कावेरी डेल्टा फार्मस वेल्फयर एषोसियन के श्री गांधी पिट्टन ने बताया कि 1952 में मुषरी (तिरची में मीनाक्षी सुन्दरम) के पक्ष में डॉ0 राममनोहर लोहिया प्रचार के लिए आए थे। श्री गांधी ने कहा कि हर आदमी के शरीर में एक ही दिमाग होता है लेकिन डॉ0 लोहिया के रोम रोम में समाज उद्धार के लिए नए नए विचार बसे थे। श्री वी. राजा माणिकम ने बताया कि वे 50 साल से किसानो के बीच कार्य कर रहे है तथा उन्होंने किसानो को निषुल्क बिजली दिलाने तथा कर्जा माफी कराने में सफलता हासिल की है। एड0 तमिल अगन ने कॉवेरी रिवर बेसिन प्रोटेक्षन मुव्हमेंट की ओर से बोलते हुए कहा कि एग्रीकल्चर प्रोटेक्षन बिल गर्वनर के पास लम्बित है उसका विरोध किया जाना जरूरी है। उन्होंने बतया कि इस बिल में उन किसानो को सजा का प्रावधान है जो कृषि स्नातक की सलाह के बिना खेती करते है। तमिल गन ने कहा कि अमीरो के नेता मनमोहनसिंह है तथा डॉ0 सुनीलम् गरीबो को संगठीत करने निकले है। कामरेड आदवन ने कहा कि यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि इस यात्रा के माध्यम से देष की आजादी के आन्दोलन के जो मुद्दो छिपे हुए थे उन्हें लोगो के सामने लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर बिल में खेती बिना विष्वविद्यालय के वैज्ञानिको के प्रमाणित हुए बगैर करना सम्भव नही होगा। उन्होंने कहा कि विष्वविद्यालय में काम करने वाले कृषि वैज्ञानिक वैष्वीकरण तथा कृषि व्यापार करने वाली कम्पनीयो के दलाल बनकर रह गए है। बुनकर युनियन के अध्यक्ष ने कहा कि वैष्वीकरण में बडे पैमाने पर बुनकरो को बेरोजगार कर दिया गया है अब बुनकरो को केरल जाकर मजदूरी करनी पड रही है। उन्होंने कहा कि देषभर के बुनकरो को इकट्टा करने की जरूरत है। श्री सेल्वराज ने बताया कि युसूफ मेहेर अली केन्द्र की नागापट्टन शाखा ने स्थानीय साधनों 300 महिलाओं को प्रषिक्षण देने का काम किया। उन्होंने कहा कि ग्राम उद्योग नरेगा के साथ जोडने की जरूरत है। उपभोक्ताओ के अभियान के जिला सचिव श्री हरिहरन ने कहा कि किसानो और असंगठित क्षेत्र मजदरो को एकसाथ मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विधायको और सांसदो को घर मिलने के पहले गरीबो को घर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। उन्होंने पेरियार के सिद्धान्तो को याद करते हुए सप्तक्रांति के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सप्तक्रांति में वह चिनगारी है जिसे देष में परिवर्तन हो सकता है। कॉलेज के दो छात्र जमाल मोहम्मद तथा दिवाकर ने कहा कि पहले जीन संषोधित बीज किसानो को निषुल्क दिए जाते है बाद में किसानो की जमीन तक हडप ली जाती है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढाने के लिए किसानो को अधिक जागरूक करने की जरूरत है। होली क्रास कालेज की छात्रा कलारानी ने कहा कि कॉवेरी में पानी नही बचा है पानी का संकट बढ रहा है पानी का व्यवसायिक इस्तेमाल करना बंद करना जरूरी हो गया है। पर्यावरण संकट को दुरूस्त करने के लिए ग्वोबल वार्निंग को रोकना जरूरी है। श्री अनबु ने कहा कि किसान मजदूर तथा महिलाओ के सवालो को एकसाथ उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि न्याय का प्रष्न यात्रा के मूल में है। इसलिए हम यात्रा का समर्थन करते है। यात्री दल की ओर से कार्यक्रम के प्रमुख 15 साथियो को सप्तक्रांति यात्रा की स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए भोजन कीचन पट्टी में किया।

रात्रि में 8.30 बजे हम सगली कूपम जिला कडलूर पहुंचे जहॉ हमारा इन्तजार ग्रामवासी कर रहे थे। श्रीनिवासन, सिदम्मा, देवदास ने मिलकर सांप पकडने वालो की यूनियन बनाई है उन्होंने कहा कि जाति विषेष के लोगो द्वारा सांप पकडने का काम किया जाता है। ग्रामवासियो ने बताया कि गांव के पास रसायनिक कारखाना लगने के कारण गांव का पीने का पानी प्रदूषीत हो रहा है सुनामी के बाद मछली भी कम हो गई है। नरीवकुनवम जाति के लोग आदिवासियो का दर्जा पाने की लडाई लड रहे है। सुश्री राधा तथा एमषंकर ने आदिवासियो के संघर्ष को विस्तृत तौर पर यात्रियो के समक्ष रखा । गांव में ही हमने भोजन किया।

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