चौदह दिन - 22 अगस्त
सुबह उठा। योग नही हो सका। अरविन्द आश्रम जाकर समाधि के दर्शन किए। तीन किताबे खरीदी। समद्र के किनारे गांधीजी के पुतले पर गए। रोसेमा मैरज हाल, लालबहादुर शास्त्री रोड़ पर जाकर नाश्ता किया। इंसोको द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जाधव, संजू, गुड्डी, गौतम ने अपने विचार रखे। भूषण ने कहॉ की आपको आई.टी.आई. में इस कारण दाखिला लेना पड़ा क्योंकि आपके पास पैसा नही हैै। आप इंजिनियरिंग कालेज में दाखिला नही दे सकता। यदि कोई क्राति करनी हैं तो युवाओं की एक होना होगा। संजू ने कहॉ कि हम एक लक्ष्य को लेकर निकले हैं हम रोटी कपडा और मकान और न्यूनतम आय किताबो की पूर्ति के लिए निकले हैं। गंगा के बाजारीकरण हो गया हैं। हमारे पास पानी की कमी नही हैं गौतम ने कहॉ कि युवा 40 प्रतिशत हैं फिर भी यह विचारधारा से अलग हैं कार्यकम में आईटीआई के छात्र मुख्यतःमौजूद थे। पाण्डेचेरी का कार्यक्रम हमने जल्दबाजी में निपटाया कार्यक्रम में मेरे पुराने मित्र किसान नेता विवेकानंद, पूर्व विधायक इलांगो मौजूद थे। उन्होंने तमिलनाडु तथा पाण्डेचेरी में इन्सको की गतिविधियो को लेकर तमाम सवाल उठाए। कार्यक्रम में लगभग 200 छात्र/छात्राए मौजूद थे कार्यकम सुश्री गीता, श्री अरमुगम, विवेकानंद एवं इलांगो ने सम्बोधित किया। पाण्डेचेरी से हम मथुरनदकम पहुंचे। जहॉ हमने बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद वृक्षारोपण किया। प्रसिद्ध समाजवादी नेता दुराई बाबु के सुपुत्र श्री पृथ्वीराज बैण्ड बाजे के साथ तथा रास्ते पर फटाके फुडवाते हुए हमे सभा स्थल पर लेकर गए जहॉ विभिन्न धर्माे के छात्रओ ने डॉ0 लोहिया के चित्र की आरती उतारी। श्री पृथ्वीराज ने तमिल में डा0 लोहिया पर एक पुस्तिका तैयार की थी जिसका मैंने विमोचन किया हमने पृथ्वीराज भाई के घर पर भोजन किया बाद में चेंगलपेट गए। जहॉ इन्सको के श्री अंदास्वामी तथा पीएमके के स्थानिय विधायक श्री अरमुगम ने हमारा स्वागत किया। उन्होंने समापन की रैली में भी पहुंचने के लिए हमे आष्वास्त किया तथा इन्सको द्वारा किया जा रहे कार्याे की सराहना की।
शाम को चैन्नई में नुक्कड सभा आयेजित की गई सभी यात्रियो लोहिया चिन्तन फोरम के श्री व्हीकोथनडरामन द्वारा स्मृति चिन्ह भेट किए गए। जनता दल सेकुलर के प्रदेष महामंत्री इदायावतन, एचएमकेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री टी.के. कृष्णमूर्ति, लोकजनषक्ति पार्टी के प्रदेष महामंत्री धनंजय इलम सिंगम तथा जनार्थनन ने अपने विचार व्यक्त किए। गीता जी गेबरीयल, थन जी इलानचिगंम, गिनजीराजेन्द्रम रिपब्लीकन लेबर यूनियन के अम्बुवनंदन सोषलिस्ट फं्रट के संयोजक श्री षिवज्ञान सम्बन्धम, इन्सको के श्री पीजे. जोजी, जय कुमार आरोज तथा तमिलनाडु वीमेन्स के नेताओ, पदयात्री मनीकम, महेषवरन ने अपने विचार रखे। श्री कोथनडरामन ने कहा कि यदि डा0 लोहिया दिल्ली छोड़कर हैदराबाद को अपना केन्द्र बना सकते है तो डॉ0 सुनीलम् को भी केन्द्र बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजवादियो को एकजुट करने का काम महत्वपूर्ण है। मैंने सभी साथियो से कहा कि तमिलनाडु के विभिन्न कार्यक्रमो में जो 25 से अधिक संगठन शामिल हुए है उन्हें 12 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचना चाहिए तथा मिलकर आगे की रूपरेखा तय करनी चाहिए।
जब हम भोजन कर रहे तभी हमे मेसेज प्राप्त हुआ कि मेरे 20 वर्ष पुराने मित्र जो इंटरनेषल यूनियन आफ सोषलिस्ट युथ के अध्यक्ष थे वे स्वीडन से चैन्नई आए हुए है। हम गीता जी के साथ उन्हें लेने होटल गए। रोजर हॉलहेग ने दुनिया के समाजवादी आन्दोलन के सम्बन्ध में अपने विचार यात्रियो के समक्ष रखे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूती देना सबसे ज्यादा जरूरी है क्योकि जब लोकतंत्र कमजोर पडता है तब लोग विकल्पो की ओर रूख करने लगते है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण आम लोगो की भागीदारी है। वंचित वर्गाे के बीच संगठन खड़ा करने के काम पर हमारा सर्वाधिक ध्यान होना चाहिए। उन्होंने वर्मा में आनसानसुकी की रिहाई के सवाल पर अभियान चलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और स्वतंत्र के बिना समाजवाद अधूरा है। उन्होंने कहा कि क्यूबा और चीन में आम आदमी के जीवन में जो बदलाव आने चाहिए थे वे अब तक नही आए है उस दिषा में काम करने की जरूरत है। हमे किसी भी देष का समर्थन केवल इसलिए नही करना चाहिए की वह अमरिका के खिलाफ बोलता है।