पंद्रहवा दिन - 23 अगस्त

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पंद्रहवा दिन - 23 अगस्त

सुबह 6.30 बजे उठा। योग नही हुआ। नाष्ता किया। नैलूर की ओर निकले। गीता जी ने आकर नाश्ता कराया। दुःखी मन से कहा कि लोहियावादी के साथ काम करना उनके व्यक्तिवादी होने के कारण कठिन हो जाता हैं। उन्होंने बताया कि वे पहले राकेश भारद्वाज के साथ एस.एफ.आई के काम करती थी। सभी ने एस.एफ.आई मिलकर छोडी थी। गीताजी ने बताया कि भाई पृथ्वीराज मंच पर न बुलाए जाने के कारण रूठकर चले गए। इस तरह से काम करने से प्रगति नही हो सकती। उन्होंने कहा कि मुझे गत 10 दिनो यह महषूस हुआ है कि व्यक्तिवाद तथा अहम की पराकाष्टा से ही समाजवादी आन्दोलन का बिखराव हुआ है। अभी भी समाजवादी उसमें सुधार करने को तैयार नही है। नैलूर बाईपास पर पापी रेड्डी और उनके साथी मिले। नैलूर, कावाली और ओगोंल में कार्यक्रम हए। नैलूर कार्यक्रम में मुख्यतः छात्र छात्राए थे। बाकी दोनो जगहो पर वरिष्ट समाजवादी नेता तथा समाजवादी थे। पापी रेड्डी तथा आदित्स जी ने डॉ. लोहिया के बारे में विस्तार से बताया भाषा के संवाल पर समर्थन दिखलाई दिया। पापी रेड्डी जी ने खुलकर कहा कि उन्होंने अपने सांसद बेटे का चुनाव के समय विरोध किया था क्योंकि वह तेलगू देशम से चुनाव लड रहा था लेकिन उसका कहना था कि वह अवसर प्राप्त करने के लिए चुनाव लड रहा ताकि समाजवादी विचार सांसद बनकर फैला सके। रेड्डी जी ने साफ तौर पर कहा कि चुनाव में पैसा लगाने और बाद में पैसा बनाने से कैसे समाजवाद आ सकता है ? आदित्य जी ने कहा कि वे मातृभाषा बचाओ आन्दोलन चलाते है। श्री निवासलू ने बताया कि उन्होंने जिला सत्र न्यायालय में तेलगू भाषा इस्तेमाल करने के लिए आन्दोलन चलाया था। भाषाईयो षिक्षको के संगठनकर्ता एवम् षिक्षक नेताओ ने भाषा आन्दोलन का समर्थन करने का आष्वासन दिया। कोन्डईया लेंगवेज पंडित यूनियन के नेता तथा बीसी यूनियन के नेता श्री विनय कुमार ने कहा कि जिस तरह बाबा साहब अम्बेड़कर ने दलितो को जागृत करके बडा योगदान किया वही योगदान पिछडे वर्गाे के लिए डॉ0 राममनोहर लोहिया ने किया। श्री पापी रेड्डी ने वैचारिक संवालो को लेकर बेहतरीन तकरीर की। उन्होंने पुराने समाजवादी नेता पोली रेड्डी का स्मरण किया अंगोल के बडे वकील बीहनवंता रेड्डी ने अनुवाद किया तथा समाज की बेहतरी के लिए वकालत करने हेतु श्री पापी रेड्डी को बधाई दी। रात को हम पापी रेड्डी के बेटी के यहा ठहरे।


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