बीसवॉ दिन - 28 अगस्त वर्धा
सुबह योग करने के बाद बापु के आश्रम गए जहॉ 1926 में गांधी जी रहते थे। वहॉ ठाकुरदास बंग जी दिखलाई पडे मैंने सभी साथियो को बुलाया उनसे चर्चा शुरू की श्री बंग जी 92 वर्ष के तथा मारोतिराव गढकरी 77 वर्ष के हो गए है। हमने बंग जी से पूछा कि हम सबके लिए आपका क्या सन्देष हैं आगे क्या होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप ही बताईए आप क्या सोच रहे हो। मैंने कहा कि एक बडे जनआन्दोलन की जरूरत है। जब जब आन्दोलन हुए नेतृत्व उभरा परिवर्तन हुआ। गांधी जी ने 1942 में और उसके पहले, 1966 में डॉ0 लोहिया ने 1977 में लोकनायक जयप्रकाष ने नेतृत्व दिया। नेताओ के समीकरण से कोई परिवर्तन नही हो सकता जरूरी है कि समाजवादी, गांधीवादी सर्वाेदयी एकसाथ आकर परिवर्तन के संघर्ष को तेज करे। बंग जी ने मेरी बात से सहमति बताई तब मैंने कहा कि क्या आप प्रमुख नेताओ की बैठक बुलाऐंगे। उन्होंने कहा कि मैं प्रयास करूंगा। श्री मारोतिराव गढ़करी ने कहा कि जो लोग समाज का कल्याण चाहते है उनके बीच एकमत होना जरूरी है इसके लिए लोकषिक्षण की जरूरत है। यात्री साथियो की अनेक शंकाओं का सर्वाेदय के वरिष्ठ नेताओ ने समाधान किया। यात्री साथी सेवाग्राम में ठहरे और मैं नागपूर की तैयारियों का जायजा लेने वर्धा रेलवे स्टेषन से ट्रेन लेकर नागपूर के लिए निकला।