25 वॉ दिन - 2 सितम्बर
ढे़कानाल के सर्किट हाऊस में बिना योग किया नाष्ता किया काढगड़ा ग्राम गए जहॉ कल्याण आनन्द रहते है। वहॉ उनके साथी कानूनी चिकित्सालय चलाते है सूचना के अधिकार की जानकारी जनता को देते है वहॉ से सअर हहिकर ग्राम पहुंचे। वहॉ आदिवासियो द्वारा फूल बरसाकर नृत्य के साथ स्वागत किया गया। जो गीत गा रहे थे वह गीत भगवान जगन्नाथ की महिमा में गाया जाता है। गीत में कहा जाता है कि हमसे प्रेम करना हमारे साथ छल कपट नही करना। प्रषांत कुमार मिश्रा तथा लिगराज भाई ने गांव के लोगो को सप्तकांति का महत्व समझाया। मैंने ग्रामवासियो से कहा कि वे यूसूफ मेहेरअली केन्द्र द्वारा उनके गांव में केन्द्र के माध्यम से जा कार्य शुरू किया गया है उसमें बढ चढ के भाग ले। मैंने विष्वास व्यक्त किया कि केन्द्र वैकल्पिक विकास के साथ साथ जेल वोट फावडा की राजनीति का प्रतीक बनेगा। कल्याण भाई ने बताया कि केन्द्र द्वारा 20 एकड़ जमीन ली जा रही है जहॉ सप्तक्रांति विचार केन्द्र की स्थापना की जायेगी। कल्यान भाई ने कहा कि देष को विषेष आर्थिक क्षेत्र की नहीं बल्कि विषेष कृषि क्षेत्र की जरूरत हैं जहॉ कृषि के साथ कृषि आधारित ग्रामोद्योग के माध्यम से किसानो और आदिवासियो को शक्ति सम्पन्न बनाया जा जाए।
कटक पहुंचने पर मेरे पुराने मित्र जनता दल (यू) के प्रदेष अध्यक्ष श्री चितरंजन मेंहती, एचएमएस के अध्यक्ष राजु भाई, कटक के मेअर सोमेन्द्र घोष, खादी मण्डल के अध्यक्ष वैष्णव चरणदास, अक्षयकुमार दास, अध्यक्ष जलसुरक्षा केन्द्र से मुलाकात हुई। लिंगराज भाई ने सम्बोधिंत करते हुए कहा कि जनआन्दोलन करने वाले अधिकतर लोग लोहिया के मार्ग पर चल रहे है 1991 में मुझसे मनमोहन चौधरी ने कहा था कि हम लोहिया को समझ नही सके थे। उस समय लोहिया का जवाहरलाल नेहरू के प्रतीक जो व्यवहार था वह गांधीवादी और सर्वाेदयो को बुरा लगता था लेकिन आज हमे लगता हैं कि इसकी जरूरत है। श्री नन्दकिषोर जोषी सम्पादक अभिनव मेल, पार्षद दुर्गाचरण साहु, प्रफुल बेहरा, देवीराय, लक्ष्मीप्रिया मेहन्ती, सुरेन्द्रप्रधान तथा प्रषान्त मिश्रा मौजूद थे। डॉ0 पूर्ण परिजा भी आए जो डॉ0 लोहिया के नारो के गीत बनाकर उन्हें लोकप्रिय बनाए रखते थे। श्री वैष्णवदास जी ने कहा कि अग्रेंज गए लेकिन उनकी लूट और अत्याचार का तंत्र अभी भी काम कर रहा है उन्होंने कहा कि बनारस हिन्दू विष्वविद्यालय 60 एकड़ में फैला है जिसका दुनिया में नाम है।लेकिन अब वेदान्त कम्पनी को उडिसा सरकार 600 एकड जमीन विष्वविद्यालय स्थापित करने के उद्देष्य से दे ही है। श्री मधुसुदन साहु डिप्टी मेअर ने कहा कि आज की युवा पीड़ी जिस दिषा में जा रही है उसे दिषा देना आज कठिन कार्य कर हो गया हैं जबकि युवा वर्ग को सही दिषा की पहले से अधिक जरूरत है। सबसे बडी जरूरत है कि युवा वर्ग सच बोलने की हिम्मत पैदा करे। मंत्री पद स्वीकार करने वाले श्री सुरेन्द्र प्रधान पूर्व विधायक ने बताया कि जिस दिन गांधी जी की हत्या हुई थी उसी दिन दिल्ली के बिरला हाउस में गांधी ने भविष्य की राजनीति पर बात करने के लिए डॉ0 लोहिया को बुलाया था। एचएमएस के प्रदेष अध्यक्ष श्री राजेन्द्रसिंह ने कहा कि मैंने डॉ0 लोहिया को देखा नही लेकिन वे डा0 पूर्णचन्द्र परिजा के नजदीकी मित्र थे। डॉ0 लोहिया उन्हें कवि कहते थे उन्होंने एक किस्सा सुना की एक बार डॉ0 लोहिया ने अपने नाखून परिजा जी से कटवाये और फिर उनके नाखून स्वंय काटे। राजु भाई परिजा जी के गीत गाकर सुनाये। जिसमें धन धरती तथा राज शक्ति के बंटवारे का सन्देष किया गया था। उन्होंने कहा कि जो लोग रोज समझौता करते है वे समजवादी नही हो सकते। उन्होंने कहा कि मैं युवा पीड़ी से चाहती हूं कि वे आचरण से समाजवादी बने उन्होंने कहा कि हम समाज परिवर्तन के लिए दल में उतरे थे लेकिन दलदल में फंस गए। उन्होंने 50 हॅजार रूपये देने की घोषणा की श्री सांरगनाथदास ने कहा कि जनता में घुस्सा पैदा करो। गुस्सा पैदा हो जायेगा तो समाजवाद अपने आप जागेगा। श्री चितरंजन भाई ने कहा कि हम आन्दोलन नही चला रहे है लेकिन आन्दोलनो के साथ खडे है। उन्होंने बताया कि श्री नवकृष्ण चौधरी को जयप्रकाष आन्दोलन से जोडने के लिए हम उनके पास गए थे। उन्होंने कहा कि डॉ0 लोहिया ने दुनिया से कहा था कि दुनिया के सब बडे प्रयोग, खोज अपनी भाषा में हुई है। उन्होंने कहा कि एक बार पदमपुर (बरगढ़) में महिलाओ के घेराव को सम्बोन्धित करते हुए कहा कि जो तुम्हे खाने नही देता तुमको उसे खाना नही देना चाहिए। उन्होंने बताया कि 1971 में जब जेपी कालेज में आए थे तब हम 250 लड़के भी नही जुटा पाए थे। लेकिन बाद में जब आए तब ड्राइवर के तौर पर प्रषाढ़ पुरूष (बीजू पटनायक) गाड़ी चला रहे थे तथा नवकृष्ण चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया था।