27 वॉ दिन - 4 सितम्बर

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27 वॉ दिन - 4 सितम्बर

सुबह बालेश्वर सर्किट हाऊस में उठकर योग किया। दुकान पर नाश्ता किया। वारिपटा पहंुचे जहॉ। गोलकचंद धीर की अध्यक्षता में किशोर भाई की विशेष उपस्थिति में कार्यक्रम म्युनिसिपल हाल में सम्पन्न हुआ। पहले जुलूस निकाला गया। किषोर भाई ने कहा कि आजादी के बारे में कहा जाता है कि अग्रेंज चले गए इसलिए हम आजाद है किसी के आने जाने से आजादी तय नही होती बल्कि शोषण और लूट का जो तंत्र था वह खत्म हुआ या नही इससे आजादी तय होती है। अभी तक तंत्र कायम है। इस संवाल को नजर अंदाज नही किया जा सकता मैकाले की षिक्ष पद्धति को बदलना होगा। उन्होने कहा कि हरियाणा के विस्थापितो को 33 लाख रूप्ये प्रति एकड़ तथा नूरगंज 18 हजार रूप्ये एकड़ दिया जाना भेदभाव के अलावा कुछ भी नही है। श्री प्रषांत मिश्र ने कहा कि 5 संगठनो के द्वारा वैकल्पिक राजनीतिक के विचार को लेकर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मयूरभंज के राजा रामचन्द्र मंजदेव थे। राजा का चरीत्र अभी तक जनता में परिलक्षित होता है। आजादी के आन्दोलन में दलित उत्थान, नषाबंदी आदि नई तालिम सब कुछ गांधीजी ने जोड़ा था ताकि अग्रंेजो के जाने के बाद देष का निर्माण हो सके। श्री रविषंकर प्रधान ने बताया कि मैं पष्चिमी उडीसा से पूर्व उडीसा आया हू उन्होंने कहा कि देष के जनसंगठनो का समन्वय जरूरी है मैंने उपस्थिति आदिवासियो से कहा कि आजादी न तो बीना जेक और कुर्बानी की मिली थी और ना ही वास्तविक आजादी की लड़ाई मुकदमो जेल और कुर्बानी के सम्भव है। मैंने कहा कि देष के जिलो में सर्वाधिक आदिवासी है उन्होंने कहा कि जो आदिवासी विधायक सांसद बने उन्होंने भी यदि आदिवासियो का हक संरक्षण किया होता तो स्थिति बदल सकती थी। मैंने कहा कि देष में 4 करोड़ नागरिको का विस्थापित होने के बावजूद देष में कोई बडा संघर्ष खड़ा न होना यह बताता है कि लोग भाग्य और धर्म और अपनी रोजमर्या की जिन्दगदी में इतने उलझे हुए है कि संधर्ष के लिए तैयार नही है। उपस्थित साथियो ने बताया स्वर्ण नदी पर बन रहे तीन जलाषयो में 100 गांव डूब में आ रहे है लेकिन 17 गांव ही खाली कराए जा सके है बाकी जगहो पर संघर्ष चल रहा है श्री गोलकधीर ने घोषणा की कि हम किसी भी कीमत पर जमीन नही छोडेंगे। कल्याण भाई ने कहा कि 10 जिलो में 18 स्थानो पर 26 संगठनो के द्वारा मिलकर लोहिया विचार यात्रा के कार्यक्रम किये गये है तथा उडीसा में 850 कि.मी. की यात्रा हुई है।

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