46 वां दिन - 22 सितम्बर उदयपूर - जयपूर

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46 वां दिन - 22 सितम्बर उदयपूर - जयपूर

सुबह हिम्मतनगर में रात्रि विश्राम दिषा संगठन के कार्यालय में किया। डूगंरपुर में रामशंकर खराड़ी एवं साथियो द्वारा स्वागत किया गया। बासवाड में माही क्लब मंे कार्यक्रम हुआ। भांजी भाई पूर्व विधायक ने कहा कि आदिवासियो को इंसान के समान दर्जा दिलाने का काम मामाजी ने किया। अर्जुनदानदेथा, घीरजमल गणावा, ऋतुराज दीक्षित, एवम् अन्य साथी मौजूद थे। तीन सौ करोड़पति सांसदो तथा एक सौ पचास अपराधी सांसदो के बीच लोहिया के विचार वाले साथियो को पहुंचाने की जरूरत है। ऋतुराज दीक्षित ने कहा कि मामाजी की कर्मभूमि पर मैं उस परिवार की ओर से स्वागत करता हू जो उ0प्र0 के निवाडीकला गांव में रहता है। आज भी वे डॉ0 सुनीलम् का इंतजार कर रहे है कि वे आऐंगे और मूर्ति लगवाएंेगे। श्री अर्जुनदानदेथा ने कहा कि आप प्रचारक के तौर पर देष को जगाने निकले है 1975-76 में मामाजी डेढ़ वर्ष तक इमरजेंसी के दौरान जेल में रहे उस समय दूसरी आजादी मिली। हमारे साथ साम्प्रदायिक ताकतो ने सांझा बना लिया हमारा लाभ उठाया। मामा ने बांसवाडा को जगाया जागीरदारो की खिलाफत से लेकर शराबबंदी तक आन्दोलन किए हीरा भाई, विठ्ठलभाई, फतेहसिंह भाई ने जिले में रंग जमाया था। समाजवाद का प्रषिक्षण समाजवादियो से बहुत सारे लोगो ने लिया लेकिन सेवाए बाहर के लोगो को दी। कांग्रेस अपने को पैदाईषी शासक मानती है उसको खदेडना जरूरी है हमे आपसी भाईचारा बढ़ाकर समाजवादी ताकत बनाने का काम करना चाहिए। डूंगरपूर से हम उदयपुर पहुंचे यहॉ हमारा स्वागत समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियो ने किया। लोहिया विचार के साथियो द्वारा एक हाल में कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसे सम्बोधिंत करते हुए भाई आबिद अदीम ने कहा कि डॉ0 लोहिया ने जो संवाल उठाए थे वे आज भी मौंज है श्री हिम्मत सेठ ने कहा कि डॉ0 सुनीलम् ने साहसिक कार्य किया है। एड0 फतहसिंह नेता ने कहा कि उस जमाने में सबसे अलग थे डॉ0 लोहिया। हबीबा जी ने बताया कि रजनीकांत जी ने 3 वर्ष का कार्यक्रम बनाया था वे डॉ0 लोहिया को लेकर राष्ट्रीय और अर्न्तराष्ट्रीय सम्मेंलन करना चाहते थे। हबीबा जी ने कहा कि हमारे समय के लोग लोहिया को लड़ने वाला झगडालु बतलाते थे। मैं उनसे पहली बार कलकत्ता में मिली थी उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में काम करो हमे वे बोलना सिखाते थे कार्यकर्ताओ से मिलजुलकर काम लेते थे। उ0प्र0 में समाजवादी महिला सभा की स्थापना उन्होंने हमसे कराई थी। वे बार बार लोगो को जेल जाने के लिए प्रेरित करते थे। सीमांत गांधी के प्रतिनिधित्व में उन्होंने भारत-पाक एका के लिए समिति बनाई थी मरने के पहले उन्होंने जे0पी0 को एक स्मरणीय पत्र लिखा था। संविद सरकार बनने के बाद जब लोहिया बीमार पड़े तब बेहोषी की हालत में भी राजनारायण से पूछते थे कि चौधरी ने 6 एकड़ का लगान माफ किया क्या? मुझसे कहते थे कि तुम्हे अफगानिस्तान जाना है राजनारायण के साथ। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति सिद्धान्त की नही रही। श्री रामचन्द्र सलावी ने कहा कि डॉ0 सुनीलम् की यात्रा से देष के समाजवादियो ने नया अवसर पैदा किया है। उम्मीद है कि वे राख उडाकर समाजवाद की आग को पुनः प्रज्वलित करेंगे। श्रीराम आर्य ने कहा कि डॉ0 सुनीलम् देष में ही नही दुनिया में विख्यात है। मैंने उन्हें मुलताई में भी आम लोगो के साथ जिस तरह घुलते मिलते देखा है वह भी सीखने योग्य है। वे देष में समाजवाद को पुर्नस्थापित करने की हैसियत रखते है श्री हिम्मतसेठ ने कहा कि जेल वोट फावडा के मूल सिद्धान्त को पुर्नस्थापित करने की जरूरत है। कामरेड बंषीलाल सिल्वी ने कहा कि सीपीएम की ओर से मैं लोहिया यात्रा का स्वागत करने आया हूं उन्होंने कहा कि डा0 लोहिया और का. नमुदरीपाद दोनो का जन्मषताब्दी वर्ष देष में मनाया जा रहा है दोनो ने मिलकर कांग्रेस सोषलिस्ट पार्टी की स्थापना की थी। पूंजीवाद साम्प्रंदायिकता जातिवाद से लड़ने के लिए समाजवादियो को संघर्ष करने की जरूरत है डॉ0 लोहिया को मानने वाले यदि संघर्ष के मोर्चे पर एक हो जाए तो देष को बनाने का काम किया जा सकता है। हबीबा जी ने याद कराया कि अरूणा आसिफ अली ने 9 अगस्त को दिल्ली में लाल किले पर तिरंगा झण्डा फहराया था। तब एक समाजवादी कार्यकर्ता ने किताब लिखी थी 'शेर दिल अरूणा' कार्यक्रम में गुड्डी, सचिदानंदसिंह, देवीदास पाटिल ने अपने विचार रखे समाजवादी पार्टी की सचिव श्री उमासिंह ने कहा कि वंचित तबको के लिए आज भी डॉ0 लोहिया की जरूरत है आज जब पूंजीपतियो द्वारा जमीने हडपी जा रही है तब उनसे मुकाबला करना जरूरी है। श्री अर्जुनदानदेथा ने कहा कि देष की जरूरत के मुताबिक डॉ0 लोहिया ने देष के सामने मुद्दे रखे थे। उन्होंने जहॉ एक ओर चीन का संवाल उठाया वहा दुसरी ओर हिमालय बचाओ का नारा देकर पर्यावरण के संवाल को भी छेड़ा। अमरीका हमे खाद्य सुरक्षा संकट में डालना चाहता है वह हमे फिर से खरीददार बनाना चाहता है। तूंवर की दाल 90 रूपये, मंूग की दाल 65 रूप्ये बिक रही लेकिन किसान को आधा दाम भी नहीं मिल रहा है। शराब माफिया, खान माफिया, भूमाफिया ने संसद पर कब्जा कर लिया है यदि सभी सांसद इन कामो में लगे रहेंगे तो देष को कौन बचाऐगा। उन्होंने कहा कि जब मेडिकल कालेज में 40 लाख रूपये में दाखिला होगा तथा 1 करोड़ रूपये में पोस्ट ग्रेज्युषन होगा तब गांव और गरीब बीमार को कौन बचाने आएगा ?

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