48 वॉ दिन - 25 सितम्बर, अलवार, सिरसा
सुरेश मेहता बार कौंसिल के अध्यक्ष ने सिरसा में यात्रियो का स्वागत किया। उन्होंने हमारे अनुभव जानना चाहे। हमने उनसे खाप के बारे में जानकारी चाही। अध्यक्ष महोदय के साथ एक सिक्ख साथी बैठे थे उन्होंने कहा कि 700 साल तक मुसलमानो ने राज किया लेकिन वे खाप को नही मिटा सके। मेहता जी ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। यहां जाट और गैरजाट का समीकरण काम करता है। गैरजाट के प्रतिनिधि भजनलाल बने थे। जब तक शहरी वोट भाजपा के साथ था। श्री ओमप्रकाष चौटाला ने उसका उपयोग किया। हरियाणा मंे गैरकांग्रेसी ताकत चौटाला जी के साथ है। कांग्रेस के सामने विपक्ष विभाजित है जब चौधरी देवीलाल और चौधरी चरणसिंह के बारे में उनसे पूछा गया तब उन्होंने कहा कि दोनो ने अपने बेटो के लिए अपना सब कुछ खो दिया। हरियाणा में घुंगट प्रथा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जाट बाहुल्य क्षेत्र में ही घूंगट चलता हैं वहॉ भी ज्यादा समय नही चलेगा। चौधरी वीरेन्द्रसिंह के बारे में उन्होंने कहा कि वे सर छोटूराम के विचार का राजनीतिक लाभ लेना चाहते है। हरियाणा गंठन के सम्बन्ध मंे उन्होने कहा कि जब सिक्खो अकालियो ने गुरूमुखी भाषा लिखवाने का काम किया तब हिन्दी भाषीयो ने हरियाणा का गठन किया। उन्होंने कहा कि प्रतापसिंह कैरो मुख्यमंत्री थे। देवीलाल जी उन्हें हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते थे उसी समय देवीलाल ने कांग्रेस छोडी थी आज प्रतापसिंह केरो तथा देवीलाल के परिवार राजनीति में पंजाब और हरियाणा में राज चलाने वाले परिवार बन गए है। श्री प्रभुदयाल जो ''पंजाबी ट्रिब्युन'' के पत्रकार थे ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख तमाम मामलो में दोषी पाये गये हैं लेकिन लोगो की धार्मिक भावनाआंे को भड़काकर डेरे के नाम पर आज भी कब्जायी जा रही है।