52 वॉ दिन - 29 सितम्बर उधमपूर

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52 वॉ दिन - 29 सितम्बर उधमपूर

रात्रि विश्राम अग्रवाल धर्मषाला में किया। सुबह रहमान साहब के साथ उधमपुर कार्यक्रम के लिए निकले। उधमपुर पहुंचने पर हैप्पी फाउण्डेषन के उत्साही प्राचार्य श्री विक्रम गुलाटी ने देष भक्तो की जय के नारे छात्र, छात्राओ से लगवाए। छात्र, छात्राओ द्वारा जननी जन्म भूमि सबसे महान है उसके वास्ते सब कुछ कुर्बान है, गीत प्रस्तुत किया गया। डोगरा भूमि पर कपूर साहब द्वारा स्वागत किया गया। शेख अब्दुल रहमान ने कहा कि गांधी, लोहिया के सपनो के अनुरूप देष नही चल रहा। बीच में विक्रम गुलाटी जी ने नारे लगवाए ''जाति तोडो समाज जोडो''। उन्होंने कहा कि सरकार बीमारी का इलाज करने की बजाय जहर देने की नीति अपना रही है उन्होंने कहा कि विषमता और जुल्म को खत्म करके ही नक्सलवाद से मुक्ति पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि डॉ0 लोहिया एक ऐसे नेता जिनका कोई बैंक बैलेंस नही था। वहां पाकिस्तान में भी लियाकत अली खान नाम के एक बड़े नेता थे जो पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे। जिनके पास मरते वक्त 20 रूपये का बैंक बैलेंस था। उन्होंने कहा कि यात्रा का मकसद देष की बीमारी को खत्म करना है हमारी लडाई लुटेरो के साथ है। अन्धकार से मुक्ति के लिए यह यात्रा की जा रही है आखिरकार देष की सेवा कौन करेगा? प्राचार्य महोदय ने नारा लगवाया ''हम करेंगे हम करेंगे'' श्री बृजभूषण तिवारी ने बताया कि डॉ0 लोहिया ने जे0पी0 और गांधीजी के बारे में कब कब क्या क्या कहा? उन्होंने कहा कि डॉ0 लोहिया का विचार था कि मानव ही साधन है तथा मानव साध्य भी। उन्होंने उपस्थित छात्र, छात्राओ को बताया कि डॉ0 लोहिया षिक्षको द्वारा छात्र, छात्राओ के साथ की जाने वाली मारपीट के बहुत खिलाफ थे। श्रीमति अमृत वर्षा ने कहा कि अधिकतर लोग अपने लिए जीवन जीते है बहुत कम लोग समाज और देष के लिए जीवन जीते है। ऐसे लोगो में डॉ0 सुनीलम् जैसी हस्तिया शामिल है। उन्होंने कहा कि इस बार हमारे जिले में मानसून नही आया मक्का पैदा नही हुआ जानवरो के लिए चारा भी नही हुआ। सरकार को कम से कम मुफ्त राषन का इंतजाम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्नीटॉप श्रीनगर के बीच का एक्सीडेंट जोन है लेकिन वहा डॉक्टर भी नही और दवाईयॉ भी नही है उन्होंने कहा कि बीपीएल के राषन कार्ड ऐसे लोगो के बने हेै जो सरकारी मुलाजिम है। उन्होंने कहा कि जम्मु कष्मीर में उच्च षिक्षा का कोई इंतजाम नही है स्कूल के षिक्षक भी शहरो से आते है उन्होंने कहा कि हमे नही लगता कि वास्तव में देष आजाद हुआ है। यही हुआ होता तो गरीबो की आवाज करने वाले लोग होते। समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष श्री हरीषरण ने कहा कि विभाजन कांग्रेस की सबसे बडी भूल थी। नेषनल कांफ्रेस तथा कांग्रेस का बोया हुआ बीज आज कष्मीर को परेषान कर रहा है। भारत सरकार ने रायषुमारी की बात कही थी। नेहरू ने कष्मीर को शेख अब्दुला के नाम कर दिया। श्री ब्रजभूषण तिवारी ने कहा कि गांधीजी एवं लोहियाजी ने देष के विभाजन का विरोध किया था उन्होंने इसे नकली बटवारा कहा था। पाकिस्तान, बंटवारे के बाद भी एक नही रहा, बांग्लादेष अलग हो गया। बलूची पख्तूनी एवं सिंधी आज भी संघर्ष कर रहे है। मैंने कहा कि जम्मु कष्मीर की जनसमस्याओ को लेकर देषभर में कभी खबरे पढ़ने नही मिलती खबरे या तो फौजी कार्यवाही की होती है या उग्रवादियो की कार्यवाही की। मैंने कहा कि यात्रा के दौरान देष के अन्य राज्यो में जो समस्याऐ देखने मिली लगभग वैसी ही समस्याए जम्मु कष्मीर में भी है लेकिन देषभर की तरह यहॉ जनसंगठन रोजमर्रा के मुद्दो पर संघर्ष करते दिखलाई नही देते। मैंने कहा कि दिल्ली से उम्मीद करना बेकार है दिल्ली ने जो पैसा पहुंचाया वह जनता के लिए नही बल्कि अपने एजेंटो को स्थापित करने के लिए पहुंचाया। कष्मीर में खुषहाली तभी बढ़ेगी जब देष में समाजवादी ताकतें बढ़ेगी।

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