56 वॉ दिन - 3 अक्टूबर लेहूडोड़ा

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56 वॉ दिन - 3 अक्टूबर लेहूडोड़ा

रात्रि विश्राम युथ हास्टल श्रीनगर में किया। हरेष शाह से युसुफ मेहरअली युवा बिरादरी को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। वे सेन्टर के कार्याे को लेकर चिन्तित दिखलाई पडे। उन्होंने कष्मीर में कार्य शुरू करने में दिलचस्पी बताई। युसुफ मेहरअली सेन्टर के कार्यक्रमो की विस्तृत जानकारी शेख रहमान, फयाज भट्ट एवं अमृत वर्षा जी को दी। सर्वे करने के बाद ठोस कार्यक्रम बनाने का निर्णय हुआ। हम श्रीनगर से निकलकर फिरदौस भाई के घर काजीगुण्ड पहुंचे जहॉ लेहूडोड़ा पीस इंटरनेषनल स्कूल में कार्यक्रम हुआ। छात्राओ ने कष्मीरी में गीत प्रस्तुत किए। पुराने हाई स्कूल की हालत जर्जर दिखलाई पडी। लेकिन पास में नया भवन देखा। स्कूल की प्राचार्या से पता चला की स्कूल में लडके लड़कीयो की संख्या लगभग बराबर है। उन्होंने यह भी बताया कि कष्मीर में अधिकतर स्कूल कोएड यानी छात्र, छात्राओ के लिए एकसाथ चलाए जाते है। स्कूल के एक षिक्षक ने समाजवादी, गांधीवादी विचारधारा की प्रसांगिकता एवं जरूरत को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने स्कूल में राष्ट्र सेवा दल के षिविर का प्रस्ताव भी रखा। जिसे प्राचार्य एवं षिक्षको ने स्वीकार किया।

पूरे कष्मीर दौरे में एक बार स्पष्ट तौर पर सामने आई की आम आदमी भारत सरकार के खिलाफ है। आम कष्मीरी सरकार को दमनकारी तथा लोगो पर जनप्रतिनिधि थोपने वाली सरकार मानते है। गांधी जयंती के दिन लगभग सभी अखबारो में छात्र,छात्राओ की ओर से यह बयान पढ़ने मिला की सरकार गांधीगिरी में नही हथियारो से दमन पर भरोसा करती है। अधिकतर अखबारो की खबरे तथा सम्पादकीय लेख भी इसी भावना को दर्षाते है। सोफीयान प्रकरण कष्मीर के लगभग सभी अखबारो में सुर्खीयो में दिखलाई पडा। पूरा कष्मीर मानता है कि सीबीआई द्वारा बलात्कार, हत्या के प्रकरण को रफा दफा करने की कोषिष की जा रही है। कष्मीर में हर रोज कोई न कोई निर्दाेष के मारे जाने की खबर प्रकाषित होती है उसके खिलाफ हडताल और आन्दोलन होते है। जॉच के आदेष भी होते है लेकिन कुछ भी निकलता नही। इस कारण माहौल लगातार बिगडता जा रहा है। आज भी अखबार में 12 वर्षीय इरफान अहमद लोन पुत्र गुलाम रसुद लोन ब्रेनहवल की मौत की खबर छपी जब बारामूला में लाठी चार्ज और आश्रु गैस छोडी गई तब इरफान की मौत हुई। अखबारो के अनुसार आन्दोलनकारी आजादी के नारे लगा रहे थे।

सभी कष्मीरी एक ही बात करते है आखिरकार कष्मीर की हालत किसने बिगाडी। किसने कष्मीर का अमन चैन बर्बाद किया? कौन भाईचारा खत्म करने के लिए दोषी है? सभी बताते है कि कष्मीरीयो ने 1947 में पाकिस्तानी कबिलाईयो का साथ नही दिया था। पाकिस्तान के साथ युद्ध में भी कष्मीरियो ने भारत का साथ दिया फिर क्या कारण है कि कष्मीर में ऐसे हालात बने की लोगो को हथियार उठाने पडे।

यात्रा आगे बढ़ी और यात्रियो ने काजीगुण्ड में बादाम अखरोट खरीद। देर रात्रि यात्रा जम्मु पहुंची। जहां शेख रहमान जी ने अग्रवाल धर्मषाला में यात्रियो के रूकने का इंतजाम किया था। प्रीतम गुप्ता जी तथा एड0 जेए0 काजमी के साथ कई मुद्दो को लेकर संघर्ष करने पर चर्चा हुई। अखबारो में चीन द्वारा कष्मीर के नागरिको को स्टेपल पेपर लगाकर पासपोर्ट पर वीसा दिए जाने का मुद्दा छाया हुआ था। आजादी के लिए जंग कर रहे संगठनो ने इस पर खुषी जाहिर की तथा चीन के राजदूत से मिलकर उन्हें बधाई देने की मंषा जाहिर की। अखबारो ने अमरीका द्वारा मीर मोहम्मद उमर फारूख को भारत पाकिस्तान और कष्मींरीयो के बीच संवाद करने की जरूरत को लेकर खबरे दिखलाई पडी। कष्मीर में अनेक लोगो ने कहा कि उग्रवाद के चलते कष्मीर मे 30 प्रतिषत होटले भी नही भरती। जिसके चलते कष्मीर की अर्थ व्यवस्था लगातार लडखडाई अवस्था में रहती है। अखबारो में लीबिया के उमर गद्दाफी द्वारा संयुक्तराष्ट्र संघ की बैठक में कष्मीरीयो की आजादी के संघर्षाे को समर्थन देने तथा प्रधानमंत्री द्वारा पृथकतावादियो से बातचीत की पेषकष जैसे मुद्दे छाये दिखलाई पडे। पूरे कष्मीर में धान काटी जा रही थी मालूम हुआ की धान काटने की मजदूरी 200 रूपये प्रतिदिन है। आर्गनाईजेषन ऑफ इस्लामिक कन्ट्रीज द्वारा कष्मीर के मसले पर विषेष दूत नियुक्त किए जाने को लेकर युनाईटेड जेहाद काउंिसल के चेअरमैन सलाउद्दीन के बयान भी पढ़ने मिले। अखबारो से यह भी पता चला की फौज ने कष्मीर में 10 लाख 54 हजार कैनाल (8 कैनाल त्र 1 एकड) सरकारी और निजी जमीन पर कब्जा किया हुआ है। कष्मीर में चप्पे चप्पे पर फौज दिखलाई पडी।

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