59 वॉ दिन - 6 अक्टूबर कांडीखाल, देहरादून

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59 वॉ दिन - 6 अक्टूबर कांडीखाल, देहरादून

रात्री विश्राम कांडीखाल ग्राम में किया। सुबह कालसी के सभागार में आलमदास जी की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ जिसमें पूर्व राज्य मंत्री टीकाराम शाह, लोकगायक नंदलाल भारती, खुषीराम, जनजागरण समाजसेवी संस्था के प्रदेष अध्यक्ष सुबोध गोयल, उपाध्यक्ष रतिराम जोषी, महेष गुप्ता, दौलत कुंवर जी, संदीप कुमार, मोहसीन अहमद, चतरसिंह रेखा देवी, नागचन्द्र विषेष तौर पर उपस्थित थे। चकराता के बसपा नेता ने कहा कि दलित समाज को 2002 तक जाति प्रमाण पत्र मिल रहा था लेकिन अब बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि षिक्षा के नाम पर रोजगार करने वाले षिक्षक बच्चो के भविष्य के प्रति चिन्तित नही है। उन्होंने कहा कि बदलाव इस सदी का सबसे ताकतवर शब्द हैं। यह बदलाव सरकारो, नेताओं के बदलाव से नही होता लेकिन संसदीय व्यवस्था को विकल्प माना जाता है। मैंने विस्तार से सप्तक्रांति का वर्णन किया तथा उपस्थित लगभग 300 साथियो को बताया कि आज भी रंगभेद जारी है इटली के र्बलुसकोनी ने ओबामा को सनटेनर यानी सूरज में काला हुआ व्यक्ति बताया है। उत्तराचंल के पूर्व मंत्री श्री टीकाराम शाह ने कहा कि आगे का रास्ता बताने वाला महान होता है। डॉ0 सुनीलम् महान है जो हमे आगे का रास्ता बता रहे है उन्होने कहा कि अब जमाना इन्टरनेट का है लेकिन गांव में भी बाबा आदम के जमाने की षिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक युग में भी हमारा तरक्की न कर पाना यह बतलाता है कि हमे नये विचार की जरूरत है। भाटी जी ने कहा कि अन्धेरे में आंखे काम नही करती साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार समाज का आईना होते है। लेकिन हमारा आपसी संवाद नही होता हमे ऐसा कांरवा बनाने की जरूरत हैं जिससे समाज के दर्द का निवारण हो सके। रात्रि कार्यक्रम बिजनु गांव में हुआ। जहां बसपा नेता ने ग्रामवासीयों के साथ यात्रियो का स्वागत किया तथा बताया कि सरकारी योजनाओ का लाभ ग्रामीण को नहीं मिल पाता तथा सरकारी कर्मचारी गांव में नही रहते। हरविन्दरसिंह ने महासूंह देवता का स्मरण करते हुए कहा कि हम मूर्ति बना सकते है लेकिन उसके दर्षन नही कर सकते। हमे कीड़ा मकोड़ा माना जाता हैं। उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा कि हमारे दिन बदलेगे।


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