ख्वाबों में ही चाहे ख्वाब बना लेता,
कि काश ख्वाबों में ही चाहे रह जाता।
ख्वाबों का टूटना गम तो ना कहलाया।
आज भी तुझे ख्वाबों में देखने का ख्वाब देखते हैं।
लेकिन क्या करें, कुछ ख्वाब ख्वाब रह जाते हैं।
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Some Dreams / कुछ ख्वाब
PoesíaI have translated my Hindi version of poem into English. I am posting both Hindi and English versions. I very well know that Hindi version is more heart touching. Because an original material is original after all.
कुछ ख्वाब
ख्वाबों में ही चाहे ख्वाब बना लेता,
कि काश ख्वाबों में ही चाहे रह जाता।
ख्वाबों का टूटना गम तो ना कहलाया।
आज भी तुझे ख्वाबों में देखने का ख्वाब देखते हैं।
लेकिन क्या करें, कुछ ख्वाब ख्वाब रह जाते हैं।