यह कविता सभी बच्चों को समर्पित की जाती है।
दीपक टिम-टिम कर जग को a xc
प्रकाशित करता है,
लेकिन
उजियाला देकर वह खुद ही
मिट जाता है
मिट जाता है जो इस धरती पर
vaegउसे कौन याद करता है?
पर कुछ लोग हैं जो धरती पर,
मिट कर अमर हुए हैं
अपने प्रकाश से जग को ,प्रकाशित
कर अमर हुए हैं
तुम भी ऐसे बन जाओ
प्रकाशित अपने को कर जाओ
प्रकाश से अपने चमक, तुम
नाम अमर कर जाओ
गाँधी जी ऐसे चमके,जो
अमर हो गए जग में
संसार न भूला ,
जीवित हैं वह इस जग में ।