"आज न जाने फिर, तुम याद क्यों आने लगे
क्या नहीं सो पाए हो तुम, क्यों जगाने तुम लगेप्यार का बादल फटा स्नेह बरसा नयन से
रोक मैं पाया नहीं जब अश्रु टपके नयन से ।"प्यार बरसता है आँखों से
अश्रु टपकता है पलकों सेlबाँध टूटता जब धीरज का
दिल रूक जाता धक-धक करकेएक धमाका सुनती दुनिया
जब फटता है बादल नभ सेबह जाती है एक झोपड़ी
जिसे बनाया मेहनत सेतुम क्या जानोगे पीड़ा को
दर्द है कितना आँसू मेंआशाओं की बाँध पोटली
राह तुम्हारी देख रहा थाहोगे पास कभी तुम मेरे
जब चिर-निद्रा में सोऊँगाफिर न देख पाऊँगा तुमको
आँखें बंद स्वय॓ कर लुगाउड़ जाऐंगे प्राण पखेरू
नाता जब तुमसे तोडुँगाफिर न याद करना तुम मुझको
अपनी आँखें नम मत करनादुनिया कुछ भी कहे मगर तुम
मुझे विदाई हँस कर देनाशाँति रूह यह पा जाएगी
नमन दूर से तुम कर लेना ।