गहराइयाँ हैं
तनहाइयाँ हैं
दिल मे हज़ारों
रुसवाईयाँ हैंदबी बातें हैं
छुपी राते हैं
दिल मे घुली
बेचैन सांसे हैंबेमानिया हैं
हैरानियाँ हैं
समेटी हुई
परेशानियां हैंऔर थोड़ा
सुकूँ भी है
जुनूं भी है
खुद ही से
गुफ्तगू भी हैसमेटे हुए
लम्हे भी है
लतीफे भी है
बिछड़ी हुई
यादें भी हैंज़िक्र है
ज़ख्म है
सहमे सुलझे से
बस हम हैं।