मै मर जाऊ

20 1 0
                                    

मैं मर जाऊ
मै कहीं खो जाऊ
इस जहां को छोड़ जाऊ
मन की चाहतो को कहीं दफना जाऊ
या तुम्हें कह जाऊ
सोचता हुं सब तुम्हे केह जाऊ
फीर भी सारी चाहते दबा बैठा हुं
तूम मुझ से प्यार करती हो
और मैं तुम्हारे आँखो से तुफान बन बेहता हुं
हर पल तुम्हारे अल्फा़जों मे
तुम नही मैं रोता हुं
तुम्हारे हर दर्द मे हमेसा मैं होता हुं
सच तो ये है
मैं हर  पल रोता हुं
तेरे हर अशक की कसम प्यार मै तुम्ही से करता हुं

मेरे अल्फा़ज़जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें