"तू बोल दुनिया सुनेगी"
हज़ारो की भीड़ मे, गुज़रता जा रहा हू!
भेड़,बकरियों की रेस मे, चलता जा रहा हू!!
सोचा एक पल रुकू, दिल के राज़ तो खोलू!
. पर धक्के पे धक्के.. खा कर बढ़ता जा रह हू!!
डॉक्टर, इंजीनियर ओर बिज़नस की चाहत में!
अपने हुनर की वॉट लगाता जा रहा हू!!
मुझ मे भीड़ को इकठ्ठा, करने का दम था!
इस भीड़ का हिस्सा, बनता जा रहा हू!!
लोग क्या कहेंगे, ज़ोर ज़ोर से हसेंगे!
दिलमे इस खयाल से, डरता जा रहा हु!!
एक दिन नज़र घुमाई, नई नई रहे नज़र आई!
देखा भेड़चाल मे, मै पिछड़ता जा रहा हू??
मैअंदर से चिल्लाया, साले कब तक डरेगा!
शरम ओर झिझक छोड़.,आगे भी बड़ेगा??
दुनिया से नहीं, अपने आप से लड़ेगा??
अपने, नए अवतार का, आगाज़ करेगा??
फिर देख तेरे दिल मे, कैसेआग जलेगी !
तू आगे,ओर दुनिया तेरे, पीछे चलेगी!!
किस्मत की घड़ी, ओर तेज़ घूमेगी!
तेरी बुलंदी,असमाँ चूमेगी!!
हर मंच पे तेरी, आवाज़ गूंजेगी!
अगली पीढ़ी बस तुझको पूछेगी!!
तेरे हुनर के कारण, कायनात झूकेगी!
तेरी एक अवज़ पे सबकी धड़क्ने रुकेगी!!
.. तू बोल... दुनिया...... सुनेगी!!!!!
.. तू बोल... दुनिया...... सुनेगी!!!!!
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tu bol duniya sunegi
Poetry"तू बोल दुनिया सुनेगी" हज़ारो की भीड़ मे, गुज़रता जा रहा हू! भेड़,बकरियों की रेस मे, चलता जा रहा हू!! सोचा एक पल रुकू, दिल के राज़ तो खोलू! . पर धक्के पे धक्के.. खा कर बढ़ता जा रह हू!! डॉक्टर, इंजीनियर ओर बिज़नस की चाहत में! अपने हुनर की वॉ...