चलो इक काम करते हैं
कुछ दूर साथ चलते हैं
थामें ख्वाबों को हम
हाथों में हाथ चलते हैं
मिलतें हैं कुछ गलियों से
कुछ राहों से बात करते हैं
चलो इक काम करते हैं
कुछ दूर साथ चलते हैं
जीते हैं कुछ पल संग
चाहत का आगाज़ करते हैं
मिलते हैं उगते सूरज से
उस चादँ पे नाज करते हैं
चलो इक काम करते हैं
कुछ दूर साथ चलते हैं
खाते हैं वफा की कसमें
दिल की दुनिया को आबाद करते हैं
रूहों से मिलने की आज हम
जिस्मों से फरियाद करते हैं
चलो इक काम करते हैं
कुछ दूर साथ चलते हैं
ढूंढते हैं मंजिल के निशा़
रास्तों से प्यार करते हैं
जो हुई मजिंले अलग
फिर मिलने की फरियाद करते हैं
चलो इक काम करते हैं
कुछ दूर साथ चलते हैं