प्रवल्लिका का बचपन😉

49 10 11
                                    

घर आंगन में किलकारी गूंजी थी
शोभा बढ़ गई हजार
चारों तरफ खुशियों का माहौल था
हर तरफ से मिल रही थी मुबारकबाद

मां बाबा की आंखें भरी भरी थी
सजे हुए थे उसमें कई सपने
नाम करें बिटिया आपका
यही दुआ दे रहे थे अपने

हर तरफ खुशियां थी
पकवानों की खुशबू आ रही थी कोने-कोने से
हर काम छोड़ दौड़ पड़ी मा
प्रवल्लिका के एक बार रोने से

जन्म लिए कुछ महीने ही हुए थे
बाबा की आंखों में थी आस
यही बात चल रही थी जहन में
जल्दी से दिलवा दूं स्कूल का पोशाक

दिन यूं ही प्यार भरा गुजरा
महीने से हो गए 6 साल
सबके मन को मोह लेती वह लुभावनी सूरत
और प्रवल्लिका के काले घुंघराले बाल।
©ishq_e_suroor

बलात्कार 💔💔जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें