दोस्तो स्कूल , हर किसी की लाइफ का वो खूबसरत हिस्सा होता है जिसकी खूबसरती हमे स्कूल छोड़ने के बाद पता चलती है ।
जब हम सालो बाद उस स्कूल के सामने से गुजरते है तो यादों का एक ऐसा झौका आता है हमे अपने अपने अपने अच्छे बुरे सारे कर्म और कांड याद आ जाते है ।मेरा नाम अक्षत चौहान , मुझे भी आज मेरा स्कूल और स्कूल के दिन अचानक से तब याद आए जब मेरा बेटा विहान मुझे कल पीटीएम में चलने के लिए बोला , विहान अभी यूकेजी में ही पढ़ता है और ये उसकी पहली पीटीएम है ।
विहान को उसके साथ कल चलने का बोलकर मैं अपने स्कूली के दिनों को याद करने लगा और यादों में ऐसा डूबा के होश ही नहीं रहा कब सारा कुछ मेरी आंखो के सामने चलने लगा ।
वो मेरा हमारे कस्बे रौनकपुर के बाहर बना सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल जहा मैं पढ़ता था , आज मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था ।
स्कूल में मेरे दो दोस्त हुआ करते थे , एक कार्तिक और दूसरा दीपक ।
कार्तिक और मैंने 12th के बाद इंजीनियरिंग चुनी थी जबकि दीपक को पढ़ाना पसंद था इसलिए उसने खुद का एक प्राइवेट स्कूल खोल लिया था ।मेरा बेटा विहान दीपक के ही स्कूल में पढ़ता था काफी नाम था दीपक के स्कूल का एरिया में ।
मैं अपने स्कूली ख्यालों में खोया ही था के मेरी पत्नी जहान्वी ने आवाज देकर मेरे इस सफर पर ब्रेक लगाई ।
आपको जानकर खुशी होगी के मेरी पत्नी जान्हवी भी मेरे साथ उसी स्कूल में पढ़ती थी और हमारी लव मैरिज थी जिसकी एक अलग ही कहानी है ।
विहान ने मुझे दोपहर को स्कूल चलने के बारे में बताया था और अब शाम हो चली थी , मैं आज दोपहर से ही कुछ उत्साहित और खुश सा था
शाम को हम लोग खाने पर बैठे , मैंने जान्हवी से भी पूछ लिया के तुम भी कल मेरे साथ विहान के स्कूल चलोगी ,उसने पहले तो घर के ढेर सारे कामों का हवाला देते हुए मना किया लेकिन मेरे ज़िद्द करने और उपर से दीपक का स्कूल होने की वजह से जान्हवी भी साथ चलने के लिए मान गई ।
जान्हवी दीपक को भी खूब अच्छे से जानती थी
क्योंकि दीपक ने स्कूल के दिनों में कई बार हमारी मुलाकात करवाने में बहुत मदद की थी ।
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School - The Love Story
RomanceA school life based love story of Akshat and janhvi .. their commitment and sacrifices for their love