संस्मरण : रेल यात्रा The Train Journey
पर्वतों के सीने पर हमारी ट्रेन भी अठखेलियां करती हुई आगे बढ़ रही थी। पर्वत बादलों से ढकने लगे, जब रिमझिम-रिमझिम बारिश की बूंदों ने संगीत बजाना प्रारंभ कर दिया तो पर्वतों से आती हुई मीठी पुरवाइयां भी उसका साथ देने लगी ! इससे पहले कि मैं कोच में चढ़ पाता मेरा पांव फिसल गया और मैं जमीन पर रेल के साथ रेंगने लगा। आस-पास के...