suneelgoyal
यह कहानी अर्जुन नाम के एक युवा की है, जो दिल्ली में रहता है। अपने दादाजी की मृत्यु के बाद, उसे उनके पैतृक गाँव चौका की एक रहस्यमय कोठी के बारे में पता चलता है। दादाजी के खत से उसे चेतावनी मिलती है कि वह हवेली के तीन शंखों वाले दरवाज़े को कभी न खोले, क्योंकि उसके पीछे एक भयावह शक्ति कैद है। दादाजी की इच्छा का सम्मान करते हुए, अर्जुन हवेली जाता है। वहाँ उसे डरावने अनुभव होते हैं और वह अनजाने में उसी तीन शंखों वाले दरवाज़े को खोल देता है। अंदर, उसे एक लाश मिलती है और उसकी दादी की आत्मा उसे लाश पर खंजर से वार करने का निर्देश देती है। अर्जुन के ऐसा करते ही, लाश एक चीख के साथ मूर्ति में समा जाती है।
दिल्ली लौटने पर, अर्जुन को पता चलता है कि वह उस शापित शक्ति के चंगुल में फँस चुका है। एक डायरी से उसे पता चलता है कि वह पिशाच एक तांत्रिक की आत्मा है, जिसे उसके पूर्वजों ने कैद किया था