Jas
2 stories
पुष्प की कविताएं by PushSingh
PushSingh
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मैंने इन कविताओं में समाज में निहित बुराइयों और ज्वलंत मुद्दों को अपनी नज़र से दिखाने की कोशिश की है। आप सभी विद्वान भद्रजनों से अनुरोध है कि कविताएं पढ़ने के पश्चात अपनी प्रतिक्रिया अवश्य प्रकट करें। आपका आभारी रहूंगा।
नियति का खेल by PushSingh
PushSingh
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मंगल को कभी मां का स्नेह न मिला, पिता ने भी मानो उससे मुंह मोड़ लिया हो, उसे प्रेम और आदर इन दोनों भावों का वास्तविक अनुभव, दमयंती ने करवाया। दमयंती रूपवती होने के साथ साथ गुणवती भी थी। बचपन का प्रेम पवित्र होता है, ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी और समाज के रीति-रिवाजों से इसका कोई सरोकार नहीं होता। मंगल और दमयंती का प्रेम भी ऐसा ही था - पवित्र। ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित यह कहानी 1970 के समय से आरम्भ होती है। आज़ादी मिले हुए दो दशक से अधिक समय बीत चुका था पर गाँव में अभी भी सब कुछ पहले जैसा ही था। यह कहानी मंगल और दमयंती की कहानी है। यह कहानी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ विद्रोह की कहानी है।