vivekamailme
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"मोहन की दुनिया दो हिस्सों में बँटी थी: सुबह की मदहोश कर देने वाली शांति, जहाँ वह नीलिमा और कालिंदी का मासूम बच्चा था; और रात का तूफ़ान, जहाँ वह एक अजेय शैतान था जिस पर न गोलियों का असर था, न ही ज़हर का।
प्रेतयोनि में जन्म के श्राप से उपजा यह दर्द मोहन को विरासत में मिला था। उसके अपने परिवार ने ही उसे मारने की कोशिश की, सड़कों पर छोड़ा। मगर शैलजा और रतन जैसे दयालु लोगों ने उसे एक नया नाम, और एक नया प्यार दिया।
लेकिन नियति ने फिर क्रूर मोड़ लिया। जब उसे माँ जैसा प्यार देने वाली भाभी को उसकी आँखों के सामने बेरहमी से मारा गया, तब मोहन के अंदर छिपा रौद्र रूप जाग उठा।
अब सवाल यह नहीं है कि शैतान कौन है, बल्कि क्या यह अजेय शक्ति बदला लेने के बाद भी शांत रह पाएगी? या क्या मोहन का क्रोध सिर्फ दुनिया को ही नहीं, बल्कि उसके अंदर बची इंसानियत को भी निगल जाएगा?"