हाँ मुझे डर लगता है
अजीब है सुनने वालों के लिए पर जीवन का सबसे बड़ा सच है कहने वालों के लिए । इसलिए कुछ डर कर कुछ सकुचा कर मैं ये कहती हूँ ; "हाँ मुझे डर लगता है!" ----------- My first Hindi short story. I hope you guys will like it.
अजीब है सुनने वालों के लिए पर जीवन का सबसे बड़ा सच है कहने वालों के लिए । इसलिए कुछ डर कर कुछ सकुचा कर मैं ये कहती हूँ ; "हाँ मुझे डर लगता है!" ----------- My first Hindi short story. I hope you guys will like it.
#1 in poetry___7. 7. 18 and 19. 8.17 कागज़ के झरोखों से झांकते, मेरी स्याही में लिपटे अलफाज....
पलछिन-2 (Palchhin-2) is my second poetry book. Just like the first book this book too contain Hindi Shayris(शायरी)and kavitas (कविताएँ). Hope you guys will like them. it's not necessary to read the first part before reading this one but i will appreciate it if you do. So thanks for giving it a chance. Open the book an...
winner of "Popular Choice Awards India 2019". in ** ( Poetry: Hindi )** "अक़्स" "REFLECTION" चला जाता हूँ जहाँ जहाँ तेरा अक़्स दिखाई देता है, छुपा लूँ जमाने से मैं कितना भी जख़्म दिखाई देता है! हम अपने दोस्तों को मिलनें चलें जाये क्यूँ बताओं तो, चुप ही होते हैं पर होठोंपे उनकी बज़्म दिखाई देता है! आईना है जैसा...