मुझे भी सोचने का हक़ है
कुछ बाते सिर्फ दिल मे ही रह जाती है,कहने को तो बहुत होता है ,लेकिन उन्हें हम औरतें हमेशा दिल मे ही रखती रहती है और ओढ़े रखती है एक मुस्कुराहट,और छुपाती रहती है अपने अरमान और सपने.....सबकुछ भुलाकर.....
कुछ बाते सिर्फ दिल मे ही रह जाती है,कहने को तो बहुत होता है ,लेकिन उन्हें हम औरतें हमेशा दिल मे ही रखती रहती है और ओढ़े रखती है एक मुस्कुराहट,और छुपाती रहती है अपने अरमान और सपने.....सबकुछ भुलाकर.....
(Complete)(Unedited) An English translation of the Urdu novel 'Zindagi Gulzar hai' by Umaira Ahmed. No characters or plot aspects are owned by the translator. The story of a poor girl and her journey through life, love and various hardships