बस दो कदम
  • Reads 622
  • Votes 90
  • Parts 15
  • Reads 622
  • Votes 90
  • Parts 15
Complete, First published May 27, 2017
मेरे मन की कुछ बातें जो मैं लफ़्जो में बयाँ कर आपके सामने पेश कर रहा हूँ| यह बातें प्यार मोहब्बत से भी ज्यादा हैं| तो सबसे निवेदन है कि मेरे इस कलेक्शन को अपनी रीडिंग लिस्ट में शामिल करें| धन्यवाद!!!
All Rights Reserved
Sign up to add बस दो कदम to your library and receive updates
or
#440hindi
Content Guidelines
You may also like
तसव्वुर (Urdu Poetry) by _aria__writes
38 parts Ongoing
किस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इस्तिहारा करूं, इस्तिखारा करूं तू फिर मिले तो मैं इश्क दोबारा करूं ...... (तू फिर मिले...) फिर अंधेरों में नए शफ़क की तलाश है फिर नया दिन नए सफर की तलाश है ...... (तलाश है....) . इश्क़ मेरा हिकायत-ए-मग़्मूम तो नहीं? मेरी जां हमारा इश्क़ कोई जुल्म तो नहीं? ....... (इश्क़ मेरा....) "अगर तुम हमसे आश्ना हो, तो फिर ठीक है 'गर नहीं तो फिर कुछ नहीं हमारा तो तआ'रुफ़ ही तुमसे है अगर तुम नहीं तो फिर कुछ नहीं" ..........( तो फिर कुछ नहीं....) . . . . . . For more interesting poetries you can continue reading this book till the end. Yeah I know some of poetries from this book is not that good but don't worry move forward because I'm damn sure you'll surely the next one because sometimes my mind doesn't know how to put actual words and that's how I end up with anything similar and sometimes it doesn't get along. For that please
धुंध(fiction) ©️ by anuragjoseph
28 parts Complete
❣️ Love u...彡 anurag ❣️ "Winner of Reader's Choice Award" Ranked # 1 Classic☑️ # 1 Wattpad # 3 Urdu reviews: **** "The author received recognition by the 'Hon'ble President Of India'. His poems reach deep into the national consciousness"- reader's digest. ♥╣A must read author╠♥ goodreads **** कुहासे के पार देख पाना मुमकिन नहीं ,बस चारों ओर पसरी है बेबस "धुंध" - मेरी कवितायें भी मेरी तरह खानाबदोश हैं । अलबत्ता मैं कविता कैसे लिखता हूँ , ये एक बहुत ही पेचीदा मसला है, जैसे कि- इश्क़ कैसे होता है ? मैं लिखता हूँ रूह की दुरुस्ती के बाइस । मैं ख़्वाब में कविता देखता हूँ और उसे आँखों मे सहेज लेता हूँ , फिर उसे रूह के पन्नों पर इरशाद कर देता हूँ । कविता और ख़्वाब का मेल थोड़ा बेमेल है लेकिन यही सच है । मुझे सपने लिखना पसंद हैं और पसंद है बया, जो ख़्वाब बुनती है......। ⊙﹏बस इतना ही । ⊙
You may also like
Slide 1 of 10
वार पर वार cover
✔️ My Darling Husband - Swasan ✔️ {Completed} cover
तसव्वुर (Urdu Poetry) cover
Shayari On Love cover
Shayaranaa Baatein  cover
Sher Arz Hai cover
Jazbaat cover
Do Pal Sukoon Ke cover
धुंध(fiction) ©️ cover
KUCH  KAHI ..   AUR  UNKAHI  BATEIN... cover

वार पर वार

1 part Ongoing

नमिता एक हंसमुख और खुशमिजाज लड़की थी. उस के चेहरे की मासूमियत किसी का भी मन मोह लेती थी.