नशा वास्तविकता को बड़ी बारीकी से गायब करता है, ठीक वैसे जैसे एक सर्कस आर्टिस्ट अपनी टोपी से कबूतर, और दर्शक सिर्फ़ तालियाँ बजाते रह जाते हैं. मधुप के कदम अब धीरे हो गये थे और उसके दोस्तों की आवाज़ें अंधेरे में लुप्त हो चुकी थी. उसे एहसास तक नही हुआ की वह कब से अकेला ही चले जा रहा था! Author's Note: It's a Hindi Short Story about a married man who finds himself in a rather unusual situation and things take a deadly turn when his innermost fears take surreal shapes.All Rights Reserved