प्रकृति से बडा निस्वार्थी नहीं कोई,
प्रकृति से बडा शिक्षक नहीं कोई,
हर पल सीखाती है प्रकृति।
असम्भव को सम्भव बनाती है प्रकृति।।
प्रिय मित्रों यह कविता मैंने प्रकृति पर लिखी।
प्रकृति अनमोल है इसे बचना,
कविता पढके, राय जरूर बताना।
Regístrate para añadir प्रकृति a tu biblioteca y recibir actualizaciones
or
प्रकृति से बडा निस्वार्थी नहीं कोई,
प्रकृति से बडा शिक्षक नहीं कोई,
हर पल सीखाती है प्रकृति।
असम्भव को सम्भव बनाती है प्रकृति।।
प्रिय मित्रों यह कविता मैंने प्रकृति पर लिखी।
प्रकृति अनमोल है इसे बचना,
कविता पढके, राय जरूर बताना।