Poetry collection
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Ongoing, First published Dec 09, 2017
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धुंध(fiction) ©️ by anuragjoseph
28 parts Complete
❣️ Love u...彡 anurag ❣️ "Winner of Reader's Choice Award" Ranked # 1 Classic☑️ # 1 Wattpad # 3 Urdu reviews: **** "The author received recognition by the 'Hon'ble President Of India'. His poems reach deep into the national consciousness"- reader's digest. ♥╣A must read author╠♥ goodreads **** कुहासे के पार देख पाना मुमकिन नहीं ,बस चारों ओर पसरी है बेबस "धुंध" - मेरी कवितायें भी मेरी तरह खानाबदोश हैं । अलबत्ता मैं कविता कैसे लिखता हूँ , ये एक बहुत ही पेचीदा मसला है, जैसे कि- इश्क़ कैसे होता है ? मैं लिखता हूँ रूह की दुरुस्ती के बाइस । मैं ख़्वाब में कविता देखता हूँ और उसे आँखों मे सहेज लेता हूँ , फिर उसे रूह के पन्नों पर इरशाद कर देता हूँ । कविता और ख़्वाब का मेल थोड़ा बेमेल है लेकिन यही सच है । मुझे सपने लिखना पसंद हैं और पसंद है बया, जो ख़्वाब बुनती है......। ⊙﹏बस इतना ही । ⊙
तसव्वुर (Urdu Poetry) by _aria__writes
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किस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इस्तिहारा करूं, इस्तिखारा करूं तू फिर मिले तो मैं इश्क दोबारा करूं ...... (तू फिर मिले...) फिर अंधेरों में नए शफ़क की तलाश है फिर नया दिन नए सफर की तलाश है ...... (तलाश है....) . इश्क़ मेरा हिकायत-ए-मग़्मूम तो नहीं? मेरी जां हमारा इश्क़ कोई जुल्म तो नहीं? ....... (इश्क़ मेरा....) "अगर तुम हमसे आश्ना हो, तो फिर ठीक है 'गर नहीं तो फिर कुछ नहीं हमारा तो तआ'रुफ़ ही तुमसे है अगर तुम नहीं तो फिर कुछ नहीं" ..........( तो फिर कुछ नहीं....) . . . . . . For more interesting poetries you can continue reading this book till the end. Yeah I know some of poetries from this book is not that good but don't worry move forward because I'm damn sure you'll surely the next one because sometimes my mind doesn't know how to put actual words and that's how I end up with anything similar and sometimes it doesn't get along. For that please
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