गौर से देखकर लगता है कि उमड़ते घुमड़ते शब्द भी कभी कभी कुछ बातें कहना चाहते है। शायद वे और भी ज्यादा कहना चाहते है औ र साथ में कुछ सुनना भी।क्योंकि वे भी संवाद चाहते है। ये कुछ पंक्तियाँ बरबस जैसे उनकी ही आवाज देने की कोशिश है।All Rights Reserved
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