हे वैज्ञानिक सोच वाले इंसानों इस लेख को पढो ...लिखा तो इसे मेने अपने एक गुरूमित्र को है जो समाज मे फेले अंधविश्वास से लड रहा है. वो मेरे एक अच्छे मित्र है और गुरू भी पर इसमे उठाये गये सवाल आप सब के लिये है. अगर इसे पढने के बाद बहस करनी हो तो पहले होली के अवसर होने के कारण दो गुजिया खाकर मूह मीठा कर लेना. और अगर बहस ना करनी हो तो भी कम से कम एक गुजिया तो खा ही लेना. खुश रहोगे. होली पर हिंसा और वेमनस्य के लिये कोइ जगह नही है.All Rights Reserved