(1)इन "शायरियों" में खो गया है कहीं "सुकून" मेरा...! जो तुम "पढ़कर" मुस्कुरा दो तो "वसूल" हो जाए...!! (2)*ख़ुद्दारी वजह थी कि, ज़माने को कभी हज़म नहीं हुए हम,,* *पर ख़ुद की नज़रों में, यकीं मानो, कभी कम नहीं हुए हम!* *माना कि औरों की मुकाबले, कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने,,* *पर खुश हूं कि खुद को गिरा कर, कुछ उठाया नही मैंने"* 💐Todos los derechos reservados
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