क्योंकि हिन्दी में कुछ बात है...
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Complete, First published Apr 11, 2018
मेरी और मेरे दोस्तों ने लिखी हुई कुछ हिन्दी पंक्तियाँ
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अंत by AnzuhRuhnem
26 parts Complete
"नमन;-" वैसे तेरी बहन थी बहुत मजेदार... बहुत मज़ा करवाया उसने मुझे..साली खुद ही कपड़े उतार देती थी.. अपना एक एक अंग दिखा दिखा कर कपड़े उतारती थी कि एक नशा सा हो जाता था मुझे..साली रोज़ चूस चूस कर मांगती थी.."" राज़;-" साले हरामजादे!!! हाथ खोल मेरे हाथ खोल..!! तब बताता हूं तुझको कि किसी की बहन के बारे में गंद बोल कर क्या मिलता है तुझे काट कर तेरे टुकड़े कुत्तों को खिला दूंगा समझा...!!!"" "जब सब तरफ आंतक हो ,बुराई हो ,जुल्म हो ,दुख हो , क्या तब भी वहा प्यार जन्म ले सकता है और एक दुसरे की ताकत बन कर बुराई का अन्त कर सकता है जानने के लिये जरूर पढे एक प्यार और बदले की कहानी ! This is a work of fiction. All rights reserved. No part of this publication may be reproduced, distributed, or transmitted in any form or by any means, including photocopying, recording, or other electronic or mechanical methods, without the prior written permission of the author, except in the case of brief quotations embodied in critical reviews and certain other noncommercial uses permitted by copyright law.
तसव्वुर (Urdu Poetry) by _aria__writes
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किस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इस्तिहारा करूं, इस्तिखारा करूं तू फिर मिले तो मैं इश्क दोबारा करूं ...... (तू फिर मिले...) फिर अंधेरों में नए शफ़क की तलाश है फिर नया दिन नए सफर की तलाश है ...... (तलाश है....) . इश्क़ मेरा हिकायत-ए-मग़्मूम तो नहीं? मेरी जां हमारा इश्क़ कोई जुल्म तो नहीं? ....... (इश्क़ मेरा....) "अगर तुम हमसे आश्ना हो, तो फिर ठीक है 'गर नहीं तो फिर कुछ नहीं हमारा तो तआ'रुफ़ ही तुमसे है अगर तुम नहीं तो फिर कुछ नहीं" ..........( तो फिर कुछ नहीं....) . . . . . . For more interesting poetries you can continue reading this book till the end. Yeah I know some of poetries from this book is not that good but don't worry move forward because I'm damn sure you'll surely the next one because sometimes my mind doesn't know how to put actual words and that's how I end up with anything similar and sometimes it doesn't get along. For that please
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